राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आबो हवा जहरीली होती जा रही है. वायु प्रदूषण विकराल रूप धारण करता जा रहा है. दिल्ली में पिछले कुछ समय से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जोकि चिंता का विषय बना हुआ है. आज भी राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' अवस्था में पहुंच गया है. आज भी राजपथ के पास प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 269 दर्ज किया गया.
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राजपथ पर वायु प्रदूषण की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजपथ से इंडिया गेट को देख पाना मुश्किल हो गया. दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की मुख्य वजह देश के कई राज्यों में पराली जलाना बताया जा रहा है. इसके अलावा हवा का काफी हद तक शांत रहना और कम तापमान इसके लिए जिम्मेदार रहा, जिसके कारण प्रदूषक एकत्रित हो रहे हैं.
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता आठ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई. मंगलवार को दिल्ली में सुबह में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया और यह पूर्वाह्न 11 बजे 306 दर्ज किया गया. इसके बाद प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी आई. चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई शाम 4 बजे 300 दर्ज किया गया, जो कि 'खराब' श्रेणी में आता है.
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उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. मौसम वैज्ञानिक वी के सोनी की मानें तो वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए हवा की कम गति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जिसके कारण प्रदूषक जमा हो जाते हैं.
उधर, नासा के उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर और फिरोजपुर और हरियाणा के अंबाला और कैथल के पास बड़े पैमाने पर आग जलती हुई दिखाई दी. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च, सफर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और आसपास के सीमांत क्षेत्रों में करीब 675 खेतों में आग देखी गई, लेकिन प्रदूषकों को लाने के लिए हवा की दिशा अनुकूल नहीं है. इसलिए दिल्ली में पीएम2.5 में नाममात्र की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
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हालांकि इस वर्ष दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है. ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ का नेतृत्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा किया जा रहा है. सर्दियों में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की निगरानी के लिए दिल्ली सचिवालय में 10 सदस्यीय विशेषज्ञ दल के साथ एक ‘ग्रीन वार रूम’ स्थापित किया गया है. पर्यावरण विभाग ने धूल नियंत्रण मानदंडों की धज्जियां उड़ाने वाले निर्माण और निर्माण गिराने वाले बड़े स्थलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है.
Source : News Nation Bureau