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गुजरात निकाय चुनाव में AIMIM का धमाकेदार प्रदर्शन, कांग्रेस की छीनी जमीन

गोधरा में 2002 में हुए ट्रेन हादसे के बाद यहां सालों से कांग्रेस चुनाव जीतती आई थी, लेकिन पहली बार होगा कि जिन सीटों पर कांग्रेस का प्रभुत्व था, उन्हीं सीटों पर अब एआईएमआईएम अपना कब्जा जमा रही है.

Updated on: 02 Mar 2021, 11:18 PM

highlights

  • गोधरा में एआईएमआईएम बनी प्रमुख विपक्षी पार्टी
  • भरूच और मोडासा में भी प्रभावशाली उपस्थिति
  • कांग्रेस के लिए फिर दुस्वप्न साबित हुए चुनाव

अहमदाबाद:

बिहार विधानसभा चुनाव में हैरतअंगेज प्रदर्शन करने वाली असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम का जादू गुजरात (Gujarat) के स्थानीय निकाय चुनाव में भी कुछ इलाकों में लोगों के सिर चढ़कर बोला है. सूबे में पहली बार भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के साथ गठबंधन करके मैदान में उतरी एआईएमआईएम (AIMIM) का प्रदर्शन स्थानीय निकाय चुनाव में काफी बेहतरीन रहा. गोधरा, मोडासा और भरुच में ओवैसी की पार्टी ने एक तरह से कांग्रेस (Congress) को ही करारी शिकस्त दी है. निकाय चुनावों में मिली बेहतरीन सफलता से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि एआईएमआईएम अगले विधानसभा चुनाव में अपने इस हालिया गठबंधन को ही दोहराए.

गोधरा समेत भरुच और मोडासा में जीत 
गोधरा की 44 नगरपालिका सीटों में से एआईएमआईएम ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 7 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई है. गोधरा में बीजेपी को 18 सीटें मिली हैं. कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट ही आई है. अन्य को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई है. एआईएमआईएम ने भरुच में भी एक सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं मोडासा नगरपालिका में 5 सीटों पर परचम फहरा प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गई है. मोडासा में बीजेपी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई है. यहां कांग्रेस को महज 3 सीटें ही मिली हैं. 

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गोधरा में कांग्रेस का हुआ करता था कब्जा
गौरतलब है कि एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवेसी ने गोधरा और मोडासा में चुनावी जनसभा को भी संबोधित किया था. गोधरा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि गोधरा में 2002 में हुए ट्रेन हादसे के बाद यहां सालों से कांग्रेस चुनाव जीतती आई थी, लेकिन पहली बार होगा कि जिन सीटों पर कांग्रेस का प्रभुत्व था, उन्हीं सीटों पर अब एआईएमआईएम अपना कब्जा जमा रही है. भरुच में भी एआईएमआईएम ने अपना खाता खोलने में कामयाबी हासिल की. हालांकि, यहां पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. भरूच की 8 सीटों में से मात्र एक सीट मिल सकी.

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बीजेपी का क्लीन स्वीप
गौरतलब है कि पूरे गुजरात निकाय चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है. राज्य में बीजेपी की जीत ने एक बार साबित कर दिया है कि उसके वोटबैंक में सेंध लगाना आसान नहीं है. कांग्रेस के लिए ये चुनाव बेहद निराशाजनक रहे हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी और एमआईएम के लिए ये चुनाव खुशी देने वाले रहे हैं. जहां एक तरफ आप सूरत में 27 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब रही है तो वहीं एमआईएम ने पहले अहमदाबाद में सात सीटें जीती और अब मोडासा और गोधरा में कामयाबी की खबरें आई हैं.