पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी कलह, जानें पार्टी की नई मुसीबत
कांग्रेस की इस वक्त सिर्फ तीन राज्यों में सरकार है. इनमें पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. इसके साथ पार्टी महाराष्ट्र और झारखंड सरकार में गठबंधन में शामिल है.
highlights
- पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और सिद्दू के बीच जारी है कलह
- राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में भी तकरार
- केंद्रीय नेतृत्व को खल रही राजनीतिक सलाहकार की कमी
नई दिल्ली:
कांग्रेस (Congress) शासित राज्यों में लगातार असंतोष से केंद्रीय नेतृत्व की परेशानी बढ़ती जा रही है. पंजाब (Punjab) और राजस्थान के बाद अब कांग्रेस के सामने नई परेशानी छत्तीसगढ़ से खड़ी हो गई है. कांग्रेस की इस वक्त सिर्फ तीन राज्यों में सरकार है. इनमें पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. इसके साथ पार्टी महाराष्ट्र और झारखंड सरकार में गठबंधन में शामिल है. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू का झगड़ा सुलझाने में ही कांग्रेस को पसीना आ गया अब छत्तीसगढ़ ने और चिंता बढ़ा दी है.
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मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री में टकराव
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच कई मुद्दों पर टकराव है. दोनों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं. लगातार कलह बढ़ने के बाद मामला शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच चुका है. दूसरी तरफ राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच पिछले साल जमकर झगड़ा हुआ. राजस्थान की रिसोर्ट पॉलिटिक्स को पूरे देश ने देखा था. वहीं पश्चिम बंगाल में पार्टी की सत्ता में वापसी की कोई उम्मीद नहीं है, पर वहां भी पार्टी नेता संगठन में पद को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. कुल मिलाकर पार्टी के सामने टेंशन ही टेंशन है.
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राजनीतिक सलाहकार की खल रही कमी
कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस के पास ऐसे कद्दावर नेता की कमी है जो ऐसे हालात में झगड़े को सुलझा सके. शीर्ष नेतृत्व के सामने विभिन्न राज्यों में जारी कलह को दूर करना बड़ी चुनौती बनी हुई है. पूर्वोत्तर राज्यों में भी कांग्रेस की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. असम में विधायक दल का नेता नहीं बनाने से नाराज रुपज्योति कुर्मी पार्टी छोड़ चुके हैं. अब प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर वरिष्ठ नेता प्रद्युत बारदोलोई और भूपेन बोरा आमने-सामने हैं.
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