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Karnataka Elections: जहां पहुंचने के लिए नेतागण मचा रहे 'शोर', वहां काम का रहा 'औसत' प्रदर्शन

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार 15वीं कर्नाटक विधानसभा में पेश किए गए 214 विधेयकों में से 202 पारित किए गए और सत्र के दौरान 25,000 से अधिक प्रश्न पूछे गए.

Updated on: 10 May 2023, 07:44 PM

highlights

  • एडीआर की हालिया रिपोर्ट से खुलासा काम के लिहाज से औसत प्रदर्शन
  • 15वीं कर्नाटक विधानसभा में पेश किए गए 214 विधेयकों में से 202 पारित
  • विधानसभा के सभी सत्रों के दौरान 25,000 से अधिक प्रश्न पूछे गए

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नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 (Karnataka Assembly Elections 2023) के चुनाव प्रचार के अंतिम दौर के आते ही नेताओं की जुबान फिसलने लगी है. इस कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को 'जहरीला सांप' तक करार दे दिया. यह अलग बात है कि जिस विधानसभा में सत्ता पक्ष बतौर बैठने के लिए नेतागण आपत्तिजनक और विवादित शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं, उसकी गरिमा भी तार-तार करने में पीछे नहीं हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2018 और 2023 के बीच कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly) में प्रति वर्ष औसतन केवल 25 दिन ही काम हुआ है. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इस समयावधि में कुल 150 बैठकें हुईं. सबसे लंबा सत्र 12वां सत्र था, जो 14 फरवरी 2022 से 30 मार्च 2022 तक चला और जिसमें 26 बैठकें हुईं. विधायकों के प्रदर्शन के विश्लेषण पर एडीआर रिपोर्ट से पता चला कि जनता दल (सेक्युलर) के नेता केएस लिंगेश और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चन्नप्पा मल्लप्पा निंबन्नवर ने सभी 150 बैठकों में भाग लिया, जबकि भाजपा नेता जीबी ज्योतिगणेश और संजीव मटनदूर ने सिर्फ एक कम यानी 149 बैठकों में भाग लिया.

सबसे ज्यादा जद(एस) रहा विधानसभा कार्यवाही में उपस्थित
रिपोर्ट के ग्राफिक्स के जरिये बताया गया कि जद (एस) की औसत उपस्थिति सबसे अधिक 107 दिन थी. उसके बाद भाजपा (99 दिन), कांग्रेस (95 दिन), निर्दलीय विधायक (93 दिन) और कर्नाटक प्रज्ञावंता जनता पार्टी (4 दिन) उपस्थिति दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के अनुसार 15वीं कर्नाटक विधानसभा में पेश किए गए 214 विधेयकों में से 202 पारित किए गए और सभी सत्रों के दौरान 25,000 से अधिक प्रश्न पूछे गए. 15वीं कर्नाटक विधानसभा के एक विधायक (उपचुनावों के माध्यम से चुने गए विधायकों सहित) ने रिपोर्ट में उल्लिखित तारांकित प्रश्नों और अतारांकित प्रश्नों सहित 116 प्रश्न पूछे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 218 विधायकों ने 27,583 सवाल पूछे. 

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कोटियन ने सबसे ज्यादा 502 सवाल पूछे
ए कोटियन ने 502 प्रश्न पूछे थे और जद (एस) के एचडी रेवन्ना और कांग्रेस के एसएन नारायण स्वामी ने 487 प्रश्न पूछे थे. विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल सामान्य प्रशासन, वित्त/राजस्व, समाज कल्याण, शिक्षा और जल शक्ति विभाग से संबंधित थे. रिपोर्ट को कर्नाटक विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी और कर्नाटक विधानसभा सचिवालय से प्राप्त आरटीआई प्रतिक्रियाओं के आधार पर तैयार किया गया था. गौरतलब है कि एडीआर और कर्नाटक इलेक्शन वॉच (केईडब्ल्यू) ने कर्नाटक विधानसभा सचिवालय में विधायकों और विधान सभा के प्रदर्शन से संबंधित जानकारी मांगने के लिए आरटीआई दायर की थी.