कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने शेष शीतकालीन सत्र की अवधि को लेकर लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर रविवार को लेकर एक पत्र अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा है. उन्होंने विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया है. संसद की सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर उन्होंने कहा कि ये सांसद केंद्र से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग रहे थे. चूंकि मामले की गंभीरता इस तथ्य में निहित है, जो हमारी अपनी सुरक्षा से संबंधित है, विपक्ष के सदस्यों का कर्तव्य है कि वे सरकार से स्पष्टीकरण मांगें और उम्मीद करें कि तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जाएं.
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इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जिन सदस्यों को "अनियमित आचरण" के कारण निलंबित किया गया है, वे सिर्फ इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण के लिए दबाव डाल रहे थे. उन कारकों को ध्यान में रखते हुए जो निलंबन हुआ है, उस पर दोबारा से गौर करने की जरूत है और निलंबन को रद्द करने और सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए उचित कार्रवाई की जाए”.
उन्होंने अपने पत्र में 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के दौरान सोनिया गांधी द्वारा तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, जब 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हमला हुआ था तो वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं, जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गृह मंत्री से मुलाकात की थी. लालकृष्ण आडवाणी ने उनका हालचाल पूछा. उन्होंने पत्र में लिखा, वर्तमान उदाहरण में भी, गृह मंत्री के लिए इस घटना पर सदन में बयान देना उचित है. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से लोकसभा सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का भी आग्रह किया.
उन्होंने लिखा, "संसद भवन संपदा के सुरक्षा तंत्र के संबंध में न केवल जांच करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता है, बल्कि उन कारकों की भी जांच करने की आवश्यकता है जिनके कारण युवा इस तरह के निर्लज्ज कृत्य में शामिल हुए और खुद को, अपने परिवार और दोस्तों को नुकसान पहुंचाया. दुख की स्थिति पर भी ध्यान देने की जरूरत है".
Source : News Nation Bureau