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राजनीति से दूर रहेगा अडानी परिवार, राज्यसभा सांसद बनाए जाने की खबरों का किया खंडन 

अडानी परिवार के किसी भी सदस्य के राज्यसभा में जाने की चर्चा पर विराम लग गया है. अडानी ग्रुप की ओर से एक स्टेटमेंट जारी किया गया है, जिसमें इन खबरों का खंडन किया गया है.

Updated on: 15 May 2022, 10:18 AM

highlights

  • कोई भी सदस्य किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने नहीं जा रहा है:  अडानी
  • अडानी ने अपने कारोबार की शुरुआत मात्र 5 लाख रुपये से शुरू की थी

नई दिल्ली:

बीते कई दिनों से देश के बड़े उद्योगपति और दुनिया के शीर्ष अमीरों में गिने जाने वाले गौतम अडानी (Gautam Adani) या उनकी पत्नी डॉ. प्रीति अडानी (Priti Adani)  को राज्यसभा सांसद बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस दावे को लेकर अब अडानी परिवार की ओर से एक बयान जारी किया गया है. समूह की ओर से आए बयान के अनुसार अडानी परिवार के किसी भी सदस्य की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. अपनी सफाई में अडानी ग्रुप ने कहा कि समूह को गौतम अडानी और डॉ.प्रीति अडानी के राज्यसभा भेजे जाने की खबरों के बारे में पता चला है. समूह ने पूरी तरह से इन बातों का खंडन किया है.  मीडिया रिपोर्ट के जरिए दूसरे लोग अपने लाभ के लिए हमारा नाम खराब कर रहे हैं. गौतम अडानी, डॉ. प्रीति अडानी और अडानी परिवार को कोई भी सदस्य किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने नहीं जा रहा है. यह खबरें पूरी तरह से गलत हैं.

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अडानी ने वॉरेन बफेट को पीछे छोड़ा

अडानी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी 25 अप्रैल को दुनिया के सबसे अमीर लोगों की फोर्ब्स (Forbes) सूची में पांचवें स्थान पहुंच गए थे. अडानी की कुल नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) 123.1 अरब डॉलर तक आंकी गई थी. उन्होंने Berkshire Hathaway  के वॉरेन बफेट (Warren Buffett) को पीछे छोड़ यह स्थान पाया था. बफेट की 121.7 अरब डॉलर कुल अनुमानित नेट वर्थ (Warren Buffett Net Worth)थी.

5 लाख रुपए से तैयार किया अरबों का साम्राज्य 

अडानी ने अपने कारोबार की शुरुआत मात्र 5 लाख रुपये से शुरू की थी.इस निवेश से उसने धीरे-धीरे विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया. अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत,चतुराई, कुशलता,नेटवर्किंग जैसे गुण हैं. कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी न कर पाने गौतम अडानी की कहानी हीरे के कारोबार से शुरू हुई है. वह 16 साल की उम्र में मुंबई चले गए. हीरे का कारोबार सीखने लगे. इसके बाद वह 1981 में गुजरात लौट गए और अपने भाई की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे. 

अडानी ने कारोबार जगत में पहला बड़ा कदम 1988 में रखा. उनकी पहली कंपनी अडानी एक्सपोर्ट्स बाजार में आई. महज 5 लाख रुपये की पूंजी से शुरू हुई यह कंपनी बाद में अडानी एंटरप्राइजेज बनी.अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को 1994 में शेयर बाजार में उतरने से बूस्ट मिला. जब 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह  ने भारत में आर्थिक उदारीकरण का रास्ता तैयार किया, तो इससे देश के कारोबार जगत में व्यापक बदलाव देखने को मिला. अडानी परिवार को इससे अपने ब्रांड को आगे बढ़ाने में खास मदद मिली.