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Greta को अंधेरे में रखा गया( Photo Credit : News Nation)
किसान आंदोलन में रेहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मियां खलिफा के समर्थन का ट्वीट करने के बाद से भारत में सियासी पारा बढ़ गया है. वहीं, दिल्ली पुलिस ग्रेटा थनबर्ग मामले में भारत के बेंगलुरू से एक महिला जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. इस मामल में पुलिस के सूत्रों का कहना है की Greta को अंधेरे में रखा गया, मसला पराली का बताया गया, उसे बताया गया की देश के किसान को सरकार दबाना चाहती है. ग्रेटा ने इसलिए ट्वीट कर दिया. इस तथ्य के सामने आने के बाद पुलिस मान रही है कि ग्रेटा का इस्तेमाल हुआ. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर अभी नहीं कहा जा सकता.
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बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल अपने एक इंटरव्यू में ग्रेटा टूलकिट से जुड़ी और दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम द्वारा गिरफ्तार दिशा रवि पीएम मोदी सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकालती हैं. यह अलग बात है कि रिमांड के लिए अदालत में पेश किए जाते ही वह जज के सामने फूट-फूट के रोने लगती हैं. अपनी सफाई में वह सिर्फ यही दोहराती हैं कि उन्होंने तो सिर्फ दो लाइनें ही एडिट की थीं.
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भ्रम और अफवाह फैलाने वाली भारत विरोधी प्रोपेगंडा मशीन यही नहीं रुकी, बल्कि दिशा की रिमांड अवधि मिलते ही यह मशीन फिर से सक्रिय हो गई. इस मशीन से जुड़े लोगों का कहना था कि दिशा को अदालत में वकील नहीं दिया गया. यह अलग बात है कि दिशा कर्नाटक से अपने किसी वकील को बुलाना चाहती थीं. दिशा के बाद ग्रेटा से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. खासकर पुलिस को निकिता जैकब, शांतनु और एमओ धालीवाल की तलाश है.
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टूलकिट मामले में सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है की पोयेटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े एमओ धालीवाल ने निकिता जैकब से संपर्क किया. इसके लिए कनाडा में ही रहने वाले पुनीत ने मदद की. इनका मक़सद था 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर एक बड़ी मुहिम छेड़ना. रिपब्लिक डे से पहले इन सभी की एक ज़ूम मीटिंग भी हुई थी. इसमें निकिता, धालीवाल के साथ दिशा भी शामिल हुई थी. इनका मकसद किसानों में अफवाहें फैलाना था.
Source : News Nation Bureau