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मुस्लिम बाहुल्य अबूधाबी के मंदिर में 14 मई को होगी ऑनलाइन प्रार्थना सभा

बीएपीएस हिंदू मंदिर (Hindi Temple) कोरोना वायरस (Corona virus) के खिलाफ जंग में लोगों को एकजुट करने के लिए 14 मई को होने जा रही 'मानवता के लिये प्रार्थना सभा' में हिस्सा लेगा.

Updated on: 11 May 2020, 12:34 PM

highlights

  • 14 मई को अबुधाबी के मंदिर से गूंजेगी हिंदू प्रार्थनाएं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद रखी थी मंदिर की नींव.
  • 20 हजार वर्ग मीटर जमीन के टुकड़े पर बनेगा मंदिर.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मंदिर की अबूधाबी (Abu Dhabi) की नींव रखी थी, वहीं से अब ऑनलाइन प्रार्थना सभा होगी. ख्यात बीएपीएस हिंदू मंदिर (Hindi Temple) कोरोना वायरस (Corona virus) के खिलाफ जंग में लोगों को एकजुट करने के लिए 14 मई को होने जा रही 'मानवता के लिये प्रार्थना सभा' में हिस्सा लेगा. मंदिर के प्रमुख ब्रह्मविहारी स्वामीजी ने कहा, 'हम हायर कमेटी ऑन ह्यूमन फ्रेटरनिटी (एचसीएचएफ) द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होने को लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं. यह प्रेरित करने वाला कार्य है जोकि सर्वशक्तिमान की प्रार्थना के लिये लोगों को एकजुट करेगा जिसकी दया, मार्गदर्शन और सुरक्षा की इस समय हम सभी को जरूरत है.'

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प्रिंस मोहम्मद बिन जायद का संरक्षण है एचसीएचएफ को
धार्मिक नेताओं और विद्वानों का एक स्वतंत्र निकाय एचसीएचएफ, अबू धाबी के प्रिंस एच एच शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के संरक्षण में संचालित है. मानव बिरादरी से जुड़े एक दस्तावेज पर पोप फ्रांसिस और अल-अजहर के शाही इमाम शेख अहमद अल-तैयब ने भी हस्ताक्षर किए हैं. सभा गुरूवार रात नौ बजे शुरू होगी. इसमें प्रवासी भारतीयों की विभिन्न समुदायों की भक्ति गीत, एक वीडियो प्रस्तुति, जप और ध्यान समेत कई प्रार्थनाएं की जाएंगी. इच्छुक लोग 'प्रेयर्स डॉट मंदिर डॉट एई' पर लॉग इन कर प्रार्थना में शामिल हो सकते हैं.

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पीएम मोदी ने रखी थी मंदिर की नींव
मंदिर अबू धाबी में 'अल वाकबा' नाम की जगह पर 20,000 वर्ग मीटर की ज़मीन में बनेगा. हाइवे से सटा अल वाकबा अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है. बता दें कि इस मंदिर को बनाने की मुहिम छेड़ने वाले बीआर शेट्टी हैं जो अबू धाबी के जाने-माने भारतीय कारोबारी हैं. वो 'यूएई एक्सचेंज' नाम की कंपनी के एमडी और सीईओ हैं. पीएम मोदी ने खुद भूमिपूजन के बाद इस मंदिर की नींव रखी थी. इस मंदिर में भगवान कृष्ण, शिव और अयप्पा (विष्णु) की मूर्तियां हैं. भारतीय दूतावास के आंकड़ों के मुताबिक यूएई में तकरीबन 26 लाख भारतीय रहते हैं जो वहां की आबादी का लगभग 30 फीसदी हिस्सा है.