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पंजाब में यूपी पुलिस को सौंपा गया मुख्तार अंसारी, कुछ ही घंटों बाद होगा योगी के राज्य में

मुख्तार अंसारी अब कुछ ही घंटों के बाद योगी आदित्यनाथ के राज्य उत्तर प्रदेश में होगा. पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी को वहां की पुलिस ने अब यूपी पुलिस के हाथों में सौंप दिया है.

Updated on: 06 Apr 2021, 03:01 PM

highlights

  • यूपी पुलिस को सौंपा गया मुख्तार अंसारी
  • पंजाब से यूपी के लिए रवाना हुई पुलिस टीम
  • कुछ ही घंटों बाद होगा योगी के राज्य में

नई दिल्ली:

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी अब कुछ ही घंटों के बाद योगी आदित्यनाथ के राज्य उत्तर प्रदेश में होगा. पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी को वहां की पुलिस ने अब यूपी पुलिस के हाथों में सौंप दिया है. जिसके बाद मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी पुलिस की टीम रोपड़ से निकल चुकी है. भारी सुरक्षा के बीच एंबुलेंस में बैठाकर अंसारी को बांदा लाया जा रहा है. मुख्तार अंसारी ने यूपी नहीं आने की तमाम जुगत लगाई, जो फेल हो गई. मुख्तार अंसारी जानता है कि यूपी में आने पर उसके किए गए अपराधों का उससे योगी सरकार हिसाब लेगी.

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यूपी पुलिस की टीम के रोपड़ की रूपनगर जेल पहुंचने के बाद पांच डॉक्टरों की टीम ने मुख्तार का मेडिकल परीक्षण किया और फिर पंजाब पुलिस ने मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस की कस्टडी में सौंपा. जिसके बाद उसे जेल के बाहर खड़ी एंबुलेंस में बैठाया गया. जिसके बाद मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस में लेकर यूपी पुलिस की टीम बांदा जेल के लिए रवाना हुई है. यूपी पुलिस की टीम रोपड़ जेल के दूसरे गेट से निकली और वहां से सीधे बांदा के लिए रवाना हुई. अंसारी को एंबुलेंस में रखा गया है. उसके साथ डॉक्टर्स की टीम मौजूद है.

एंबुलेंस के आगे-पीछे यूपी पुलिस की कड़ी सुरक्षा है. पुलिस की दो एस्कार्ट गाड़ी और उसके पीछे वज्र वाहन भी चल रहा है. करीब 10 गाड़ियों का काफिला मुख्तार अंसारी को लेकर बांदा के लिए रवाना हुआ, जिसमें कई दर्जन पुलिसकर्मी सवार हैं. मुख्तार अंसारी के काफिले में 2 किमी आगे तक पुलिस की गाड़ी और वज्र वाहन चल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि रास्ते में अंसारी का काफिला किसी ढाबे या प्राइवेट होटल पर नहीं रुकेगा. उधर, यूपी की बांदा जेल में मुख्तार अंसारी के लिए तैयारी शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक मुख्तार को बैरक नंबर-15 में रखा जाएगा.

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उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी को योगी आदित्यनाथ से डर आज से नहीं, बल्कि 15 साल पहले से लगना शुरू हुआ था. साल 2005 में जब मऊ में दंगे हुए थे और सीधे तौर पर मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था. उस समय पूरे उत्तर प्रदेश में मुख्तार की मुखालफत करने का काम तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने किया था. तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव की तमाम बंदिशों के बावजूद योगी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मऊ के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए निकल पड़े थे, मऊ जिले से पहले दोहरीघाट में यूपी के काफिले को रोक लिया गया और काफी विरोध प्रदर्शन और पुलिसकर्मियों से झड़प के बाद योगी और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था.

मुख्तार अंसारी को उस समय योगी आदित्यनाथ ने सीधी चुनौती दी थी और यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ के प्रभाव वाले जिलों में मुख्तार कदम रखने से डरने लगा. आज यूपी में आने से वह इसीलिए डर रहा है, क्योंकि उसे पता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में उसके किए गए सभी अपराधियों का संविधान के तहत हिसाब होगा और कोई भी उसे यहां पर सजा दिलाने से नहीं बचा सकेगा.