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7 मई से विदेश में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने का महाअभियान, खुद देना होगा किराया

सबसे बड़ा अभियान खाड़ी देशों में चलाया जाएगा जहां अनिवासी भारतीयों की संख्या करीब 70 फीसद है. हालांकि सरकार अब भारतीयों को वापस लाने के लिए उनके टिकट का पैसा वसूल करेगी. इससे पहले चीन सहित अन्य देशों से लाए गए भारतीयों से कोई पैसा नहीं लिया गया था.

Updated on: 05 May 2020, 08:35 AM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के कारण कई देशों में लगे लॉकडाउन में लाखों भारतीय फंसे हुए हैं. इनकी वापसी के लिए भारत सरकार अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाने जा रही है. मोदी सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है. सबसे बड़ा अभियान खाड़ी देशों में चलाया जाएगा जहां अनिवासी भारतीयों की संख्या करीब 70 फीसद है. हालांकि सरकार अब भारतीयों को वापस लाने के लिए उनके टिकट का पैसा वसूल करेगी. इससे पहले चीन सहित अन्य देशों से लाए गए भारतीयों से कोई पैसा नहीं लिया गया था.   

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1990 में चला था विशेष अभियान
इससे पहले भारत सरकार ने 1990 में विशेष अभियान चलाकर कुवैत में फंसे करीब एक लाख 90 हजार भारतीयों को निकाला था. किसी भी देश से विमानों के जरिए अपने नागरिकों को निकालने का यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान था. तब भारत ने लगातार दो महीने तक करीब 500 विमानों का संचालन किया था. इसी अभियान पर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने 'एयरलिफ्ट' फिल्म बनाई थी.

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नौ सेना के युद्धपोत का होगा इस्तेमाल
इस अभियान को और भी जटिल माना जा रहा है. इस अभियान में न सिर्फ यात्री विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा बल्कि कमर्शियल विमानों के साथ नेवी के सबसे बड़े युद्धपोत को भी अभियान में शामिल किया जाएगा. विदेश के आने वाले लोगों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन पहले ही तय कर दी गई हैं. विदेश से आने के बाद लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा. भारत सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि अगर किसी में भी कोरोना के लक्षण दिखाई दिए तो उसे वापस नहीं लाया जाएगा.