कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में जल्द ही और तेजी आएगी. भारत अक्टूबर-नवंबर में कोरोना की 4 और वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेगा. इससे वैक्सीन की कमी से निजात मिलेगी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि चार और भारतीय कंपनियों के अक्टूबर-नवंबर तक कोविड रोधी टीकों का उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है, जिससे टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी. उन्होंने यह बताया कि रेमडेसिविर उत्पादन क्षमता अप्रैल माह के मध्य तक 38.8 लाख शीशी प्रति माह थी जो जून से बढ़ कर 122.49 लाख शीशी प्रति माह हो गई.
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मांडविया ने राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि कोरोना रोधी वैक्सीन कोविशील्ड की 12 करोड़ और कोवैक्सीन की 5.8 करोड़ डोज प्रति माह उत्पाद होने का अनुमान लगाया गया है. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा उपयोग नहीं की गई सात से नौ फीसद डोज का भी सरकारी टीकाकरण केंद्रों में उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बायोलॉजिकल ई और नोवाटिस के टीके भी बाजार में उपलब्ध होंगे, वहीं जायडस कैडिला को जल्दी ही एक विशेषज्ञ समिति से आपात उपयोग की अनुमति मिल जाएगी. स्पूतनिक टीका भी उपलब्ध है और इसका उत्पादन शुरू हो गया है.
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मांडविया ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की कमी नहीं है. दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई 2021 में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग अचानक बढ़ गई और बाजार में इसकी किल्लत हो गई. रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने के लिए लाइसेंसधारी निर्माताओं के 40 नए उत्पादन स्थलों को शीघ्रता से मंजूरी दी गई. इस समय देश में हर महीने रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता बढ़कर 122.49 लाख शीशी हो गई. कोविड वैक्सीन मिक्सिंग की सिफारिश नहीं स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने सदन को बताया कि कोरोना रोधी वैक्सीन की मिक्सिंग की सिफारिश नहीं की गई है. मिक्सिंग से मतलब एक ही व्यक्ति को पहली डोज किसी और कंपनी की और दूसरी डोज किसी और कंपनी की वैक्सीन लगाने से है.