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सांकेतिक चित्र( Photo Credit : फाइल )
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सांकेतिक चित्र( Photo Credit : फाइल )
भारतीय फौज के दो जवानों को देश के खुफिया दस्तावेजों की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. ये दोनों जवान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे थे. पंजाब पुलिस ने इन दोनों जवानों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. इन दोनों जवानों के पास से पंजाब पुलिस ने सेना से जुड़े कुछ खुफिया दस्तावेज भी बरामद किए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता से जब इस बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि, गिरफ्तार किए गए भारतीय जवान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे थे.
पंजाब के डीजीपी ने आगे बताया कि, 'इन जवानों पर देश की अहम और खुफिया जानकारियां दुश्मन देश को लीक करने का आरोप है. जिसके बाद पंजाब पुलिस ने इन दोनों जवानों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों जवानों के पास से भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इन दोनों आरोपियों ने अब तक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई गुर्गों के साथ 900 गोपनीय दस्तावेज साझा किए हैं.'
2 Army personnel arrested by Punjab police for spying, leaking information to Pakistan's ISI. Confidential documents related to the functioning & deployment of Indian Army recovered. Accused shared 900 classified documents with ISI operatives: DGP Punjab
— ANI (@ANI) July 6, 2021
पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि इन दोनों आरोपियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से भी ज्यादा दस्तावेजों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजी हैं. डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आगे बताया कि उनकी टीम ने सीमापार के एक प्रमुख जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. पंजाब पुलिस ने भारतीय सेना के इन दोनों जवानों को मंगलवार को गिरफ्तार किया और उन पर जासूसी करने और आईएसआई को गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने का आरोप लगाया गया है. आरोपियों की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है, जो 2017 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और सिपाही गुरभेज सिंह, जिन्हें साल 2015 में पंजाब पुलिस में भर्ती किया गया था.
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इस मामले में दोनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124-ए और 120-बी और धारा 3, 5 और इस मामले में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के 9 लागू किए गए हैं. गौरतलब है कि भारतीय सेना के दो गिरफ्तार कर्मियों ने रणवीर नामके शख्स के साथ फरवरी और मई 2021 के बीच 4 महीने की अवधि में 900 से अधिक खुफिया दस्तावेजों की तस्वीरें साझा कीं, जिन्होंने इसे पाकिस्तान के आईएसआई को भेज दिया था.
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शुरुआती जांच में इस बात का पता चला है कि गिरफ्तार किए गए दोनों जवानों को इन गोपनीय दस्तावेजों को साझा करने के लिए आर्थिक प्रलोभन दिया गया था. डीजीपी आगे बताया कि ये दोनों आरोपी इन खुफिया दस्तावेजों को या तो सीधे पाकिस्तान आईएसआई को भेजते थे या फिर आईएसआई के गुर्गों को या गोपी के माध्यम से भेजता था, जिसकी पहचान अमृतसर के गांव डौके से मुख्य ड्रग तस्कर के रूप में की गई है. इनका संबंध पाकिस्तान स्थित ड्रग-तस्करी सिंडिकेट और आईएसआई अधिकारियों के साथ है, जो हमेशा एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं.
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