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Photograph: (indigo)
Indigo Cancellation Crisis Realty: बीते दिनों इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने से लाखों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था. कई दिनों तक लोगों को अपनी यात्रा को स्थगित करना पड़ा था. यह पहला मौका था जब इतने बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसल हुईं. यह क्राइसिस शक के घेरे में है. इसे एक साजिश की तरह भी देखा जा रहा है.
ऐसा कहा जा रहा है कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (FDTL) के नए नियमों के मसले पर इंडिगो उड्डयन मंत्रालय और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) पर दबाव बनाने की कोशिश में थी. इन सवालों के जवाब में पहले ही इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स दे चुके हैं. वहीं चेयरमैन विक्रम मेहता ने वीडियो जारी करके एयरलाइन पर लगे आरोप को निराधार बताया है.
एफडीटीएल का दूसरा फेज लागू होने वाला है
जांच के दौरान कुछ बातें ऐसी सामने आई हैं जो इंडिगो के तमाम दावों को गलत बताती हैं. मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, एफडीटीएल के नए नियम को लागू करने के लिए काफी समय दिया गया था. इंडिगो समेत सभी एयरलाइंस को यह मालूम था कि पहली नवंबर को एफडीटीएल का दूसरा फेज लागू होने वाला है. एफडीटीएल रूल्स लागू होने से पहले और नवंबर के माह में कंप्लायंस को लेकर इंडिगो समेत सभी एयरलाइन से कई राउंड की चर्चा हुई. डीजीसीए ने इस केस में सभी एयरलाइंस से बातचीत की है. इंडिगो ने कहा कि हम एफडीटीएल कंप्लाई कर रहे हैं और हमें किसी तरह की समस्या नहीं है.
पहली दिसंबर को मीटिंग में भी खामोश रही इंडिगो
बताया जा रहा है कि इस बारे में डीजीसीए (DGCA) की किसी भी मीटिंग में जानकारी नहीं दी गई. नवंबर के माह में सभी एयरलाइंस बेहतर तरह से ऑपरेट कर रही थीं. नवंबर में एवरेज कैंसलेशंस किए गए. डीजीसीए की इस पर निगाह थी. एफडीटीएल को लेकर डीजीसीए और इंडिगो के बीच पहली दिसंबर को भी एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग में एफडीटीएल को लेकर सफाई मांगी गई थी. मीटिंग में सभी मुद्दों पर चर्चा की गई, मगर इंडिगो की ओर से उस दौरान भी पायलट और केबिन क्रू की कमी को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की थी. इंडिगो ने बैठक में कभी इस ओर इशारा नहीं किया कि कोई क्रू की कमी का इश्यू है.
भारी चूक की तरह देखा जा रहा
इंडिगो ने हायरिंग को रोक दिया था. इसे भारी चूक की तरह देखा जा रहा है. इसकी वजह से पायलटों की कमी हुई. इसका सीधा असर ऑपरेशन पर पड़ा. डीजीसीए का एक सवाल यह भी है कि जब इंडिगो को मालूम था कि क्रू मेंबर नहीं है. ऐसे में पैसेंजर्स से यह क्यों कहा गया कि फ्लाइट ऑपरेट होंगी. इस तरह से या​​त्रियों के बीच भ्रम फैला. वे अपने फ्लाइट के लिए घंटों इंतजार करते रहे.
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