Monsoon 2025: मॉनसून इस बार जल्दी कर सकता है एंट्री, ये है आईएमडी का अलर्ट

IMD का पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो यह 16 वर्षों में पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी भारत में प्रवेश करेगा. इससे पहले 2009 में 23 मई और 2018 में 29 मई को मानसून जल्दी आया था.

IMD का पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो यह 16 वर्षों में पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी भारत में प्रवेश करेगा. इससे पहले 2009 में 23 मई और 2018 में 29 मई को मानसून जल्दी आया था.

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Dheeraj Sharma
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Monsoon 2025 IMD Alert

Monsoon 2025: भारत में मानसून न केवल मौसम से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तत्व है, बल्कि यह कृषि, जल प्रबंधन और आर्थिक स्थिरता का भी मुख्य आधार है. 2025 में भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से चार दिन पहले, यानी 27 मई को केरल तट पर दस्तक दे सकता है. आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल में प्रवेश करता है, इसलिए यह बदलाव मौसम वैज्ञानिकों और किसानों दोनों के लिए खास मायने रखता है.

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समय से पहले  कितनी बार आया मॉनसून?

अगर यह पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो यह 16 वर्षों में पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी भारत में प्रवेश करेगा. इससे पहले 2009 में 23 मई और 2018 में 29 मई को मानसून जल्दी आया था. 2024 में भी यह अपेक्षाकृत जल्दी, यानी 30 मई को केरल पहुंचा था.

हालांकि मौसम विभाग के विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट किया है कि मानसून की जल्दी या देर से शुरुआत का सीधा संबंध देश भर में होने वाली कुल बारिश से नहीं होता. यह संभव है कि केरल में मानसून जल्दी आए, लेकिन उत्तर भारत तक पहुंचने में अपेक्षित समय ही ले.

क्या हो सकता है इस बार बारिश का पैटर्न?

अर्थ एंड साइंस मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन की मानें तो  इस वर्ष मॉनसून के दौरान सामान्य से ज्यादा वर्षा की संभावना है. अनुमान है कि जून से सितंबर के बीच देश में 87 सेंटीमीटर औसत बारिश हो सकती है, जो कि 105 फीसदी के स्तर पर रहेगी. यह आंकड़ा सामान्य से अधिक बारिश की श्रेणी में आता है.

मौसम विभाग के हिसाब से क्या है बारिश का पैमाना 

- 96-104 फीसदी = सामान्य वर्षा

- 104-110 फीसदी = सामान्य से अधिक वर्षा

- 110 फीसदी से अधिक = अत्यधिक वर्षा

- 90-95 फीसदी = सामान्य से कम

- 90 फीसदी से कम = अत्यधिक कम वर्षा

13 मई तक अंडमान-निकोबार में मॉनसून की एंट्री 

मौसम विभाग ने पहले ही संकेत दे दिया था कि 13 मई तक मानसून अंडमान-निकोबार और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में पहुंच सकता है. यह मानसून की औपचारिक शुरुआत नहीं मानी जाती, क्योंकि भारत में मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा केवल केरल में उसके प्रवेश के साथ होती है.

पूर्वानुमान की सटीकता: क्या कहता है पिछला अनुभव?

पिछले 5 वर्षों में IMD और निजी एजेंसी स्काईमेट की ओर से किए गए मॉनसून पूर्वानुमान काफ़ी हद तक सटीक रहे हैं.

- 2024: 108 फीसदी बारिश (IMD: 106%, Skymet: 102प्रतिशत)

- 2023: 94 फीसदी बारिश (IMD: 96, Skymet: 94 प्रतिशत)

- 2022: 106 फीसदी बारिश (दोनों एजेंसियों से ज्यादा)

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