Manipur Violence: मणिपुर हिंसा की आग सेे झुलस रहा है. मणिपुर के जिरिबाम जिले में किडनैप किए गए छह लोगों को बेरहमी से मार दिया गया. दो महिलाओं और एक बच्चे के बाद बाकी तीन मृतकों की भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है. उग्रवादियों की हैवानियत का अंदाजा इससे लगाइये कि उन्होंने 10 माह के बच्चे को गोली मारकर मौत के घाट उतार डाला. उग्रवादियों के दिल को इतने से शांति नहीं मिली तो उन्होंने बच्चों की दोनों आंखें निकाल ली. हर लाश पर गोलियों को बेहरमी से दिए गए घाव के निशान हैं.
17 नवंबर के बाद हुई थी किडनैपिंग
सुरक्षा बलों के साथ 17 नवंबर को हुई मुठभेड़ के बाद संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा से तीन बच्चों और तीन महिलाओं को किडनैप कर दिया. कुछ दिनों बाद सभी के शव जिरी नदी और असम के कछार के पास बराक नदी के पास मिले.
पढ़िए कुकी समुदाय के बेहरमी की कहानी
असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में सभी मृतकों पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि 10 महीने के लैशराम लमंगनबा के बाएं घुटने पर उग्रवादियों ने गोली मारी थी. उग्रवादियों का मन इस बेरहमी से नहीं भरा तो उन्होंने बच्चे की दोनों आखें ही निकाल ली.
लैशराम की चाची, तेलेम थोइबी (31) को तीन गोलियां सीने और एक गोली पेट में मारी गई. चाची के सिर को उग्रवादियों ने किसी भारी सामान से कुचल दिया. उनका दिमाग पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया था. उनकी आंखें भी बाहर आ गई थीं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि महिला के साथ रेप भी हुआ था. लैशराम की चचेरी बहन और थोइबी की आठ साल की बिटिया को भी उग्रवादियों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया.
ढाई साल के बच्चे के चेहरे पर मारी थीं गोलियां
रविवार को एक बच्चे और दो महिलाओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई थी. वह रिपोर्ट भी उग्रवादियों की हैवानियत को चिल्ला-चिल्लाकर बयान कर रही है. ढाई साल के बच्चे के चेहरे पर कुकी आतंकवादियों ने पहले तो गोलियां मारी बाद में उसके सीने और हाथ को चाकू से जमकर गोदा था.