Jahnavi Dangeti: भारत की बेटियां आज हर क्षेत्र में कामयाबी के झंडे लगा रही हैं, आज वे सेना में ही नहीं बल्कि आसमान में भी ऊंची उड़ान भर रही हैं. इन्हीं में अब एक और नाम शामिल हो गया है. जिनका चयन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने अंतरिक्ष मिशन के लिए किया है. ये अंतरिक्ष मिशन चार साल बाद यानी 2029 में भेजा जाएगा. इसी मिशन के लिए जान्हवी डांगेती का चयन हुआ है. वह आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं.
जानें कौन हैं जान्हवी डांगेती?
आंध्र प्रदेश की रहने वालीं 23 वर्षीय जाह्नवी डांगेती टाइटन्स स्पेस के लिए एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट (ASCAN) के एक भाग के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करने के लिए तैयारी कर रही हैं. नासा ने जान्हवी का चयन टाइटन्स स्पेस ऑर्बिटल फ्लाइट के लिए किया है. जान्हवी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. उनका अंतरिक्ष मिशन पांच घंटे तक चलेगा. नासा के अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने जाने पर उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का आभार जताया और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. जाह्नवी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'इस मिशन के लिए वह अविश्वसनीय रूप से सम्मानित और उत्साहित हैं.'
तीन घंटे तक शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहेंगी जान्हवी
बता दें कि जान्हवी पिछले कुछ सालों से STEM और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए जानी जाती हैं. अब नासा ने उन्हें अपने 2029 के मिशन के लिए चुना है. जिसमें वह 3 घंटे तक निरंतर शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहेंगी. जान्हवी के मुताबिक, यह वैज्ञानिक अनुसंधान और मानव अंतरिक्ष उड़ान उन्नति के लिए एक अनूठा परिवर्तनकारी माहौल बनाएगा.
मिशन के दौरान दो बार करेंगी पृथ्वी की परिकृमा
नासा के इस मिशन के दौरान जान्हवी डांगेती अन्य सदस्यों के साथ दो बार पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे. इस दौरान वह दो सूर्योदय और दो सूर्यास्त देखेंगे. इस मिशन का नेतृत्व नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और सेवानिवृत्त अमेरिकी सेना के कर्नल विलियम मैकआर्थर जूनियर करेंगे, जो अब टाइटन्स स्पेस के मुख्य अंतरिक्ष यात्री के रूप में कार्य करते हैं.
बता दें कि जान्हवी पिछले कुछ सालों से STEM और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय रूप से शामिल रही हैं. उन्होंने शून्य गुरुत्वाकर्षण, उच्च ऊंचाई वाले मिशन, स्पेस सूट संचालन और ग्रह सिमुलेशन में प्रशिक्षण लिया है. उन्हें नासा के अंतरराष्ट्रीय वायु और अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चुनी गई. जो इस मिशन के लिए पहली भारतीय भी हैं.
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