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Russian President Putin (ANI)
Putin India Visit: एक दिन बाद रूसी राष्ट्रपति भारत आने वाले हैं. पुतिन भले ही एक दिन बाद नई दिल्ली आएंगे लेकिन उनकी सिक्योरिटी टीम पहले ही भारत आ गई थी. रूसी सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी होटल से लेकर हर एक कार्यक्रम तक बारीकी से नजर रख रहे हैं. पुतिन जब भी किसी दूसरे देश का दौरा करते हैं तो उनका सिक्योरिटी प्रोटोकॉल थोड़ा अलग होता है. आइये जानते हैं, पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में…
पुतिन की कार के बारे में जानें
पुतिन की कार को ऑरस मोटर्स ने रूस की सेंट्रल एजेंसी के साथ मिलकर डिजाइन किया है. कार के अधिकांश फीचर्स आजतक सामने नहीं आए हैं. ऑरस सीनेट कार में छह सेंटीमीटर के मोटे-मोटे कांच लगाए गए हैं. ये ग्रेनेड, गोली और कैमिकल अटैक भी झेल सकती है. पंचर होने के बाद भी गाड़ी चलती रहती है. इसकी स्पीड 249 किलोमीर प्रति घंटा है.
पुतिन के विमान के बारे में जानें
पुतिन विदेश दौरे पर इल्यूशिन IL-96-300 PU विमान का इस्तेमाल करते हैं. इसे फ्लाइंग क्रेमलिन भी कहा जाता है. इल्यूशिन IL-96-300 PU के साथ दो बैकअप विमान भी साथ में उड़ते हैं. अगर उनके विमान में किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो वे दूसरे विमान से आगे का सफर तय करते हैं या फिर रूस वापस लौट आते हैं. उनके विमान को एयरफोर्स के जेट्स एस्कॉर्ट करते हैं. उनके विमान को दूसरे देशों के इंजीनियरों को छूने की अनुमति नहीं है. प्लेन के अंदर ही न्यूक्लियर कमांड बटन होता है, जिसका एक्सेस सीधे पुतिन के पास है.
कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते पुतिन
पुतिन अपने साथ निजी पोर्टेबल टॉयलेट भी लेकर चलते हैं. इसका उद्देश्य है कि किसी विदेशी भूमि पर उनके शरीर का कोई भी सैंपल न छूट जाए. पुतिन कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे जिस भी होटल में रुकते हैं. वहां टेलीफोन बूथ इंस्टॉल करती है. होटल रूम में पोर्टेबल टॉयलेट और पोर्टेबल टेलीफोन का इस्तेमाल किया जाता है.
आम नागरिकों से घुल मिल जाती है उनकी सिक्योरिटी टीम
पुतिन के दौरे से पहले उनका सुरक्षा दस्ता उस देश में पहुंच जाती है. उनके सुरक्षाकर्मी आम नागरिकों के बीच में घुलमिल जाते हैं, जिस वजह से उनकी पहचान असंभव हो जाती है. उनका काम संभावित खतरों पर आम नागरिकों की भांति नजर रखना है.
स्नाइपर की नजरों से कुछ नहीं छुपता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन की सिक्योरिटी टीम ऊंची इमारतों पर स्नाइपर के साथ तैनात रहती है. ये टीम किसी भी प्रकार के खतरे को भांपते ही एक्टिव हो जाती है.
खाना-पानी भी रूस से लाते हैं पुतिन
पुतिन जहां भी जाते हैं, उनका रसोइया हमेशा साथ रहता है. पुतिन सिर्फ अपने रसोइये के हाथ का भोजन ही खाते हैं. खास बात है कि पुतिन राशन, मसाले, फल और सब्जियां और पानी तक रूस से लेकर आते हैं. पुतिन वही भोजन करते हैं, जो उनकी पोर्टेबल लैब से जांच के बाद दिया जाता है. पुतिन बिना टेस्टिंग के एक दाना मुंह में नहीं डालते हैं.
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