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Karnataka Row: देश के दक्षिण राज्य कर्नाटक में इन दिनों कांग्रेस गुटबाजी के चलते चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री सरकार बनाने से पहले तय किए गए फॉर्मूले को लेकर उलझे हुए हैं. हालांकि इस उलझन को सुलझाने के लिए लगातार प्रयास भी जारी हैं, हालांकि अब तक कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है. दोनों दिग्गजों के बीच बातचीत के लिए दो ब्रेकफास्ट भी आयोजित किए जा चुके हैं. पहले ब्रेकफास्ट के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ने ही संकेत दिए थे कि दोनों के बीच सबकुछ ठीक है. कोई मतभेद न था और न रहेगा. लेकिन इसके बाद मंगलवार को एक बार ब्रेकफास्ट आोयजित किया गया. इस ब्रेकफास्ट के बाद सिद्धारमैया सीएम कुर्सी छोड़ने को तैयार हो गए हैं. लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है.
तो सिद्धारमैया छोड़ देंगे सीएम पद
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच एक बार फिर ब्रेकफास्ट की टेबल बातचीत हुई है. इस बातचीत के बाद दोनों ही नेता काफी सहज नजर आए. यही नहीं इन दौरान जो सबसे बड़ी बात सामने आई उसके मुताबिक सिद्धारमैया सीएम कुर्सी छोड़ने को तैयार हैं. हालांकि इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है. ये शर्त है आलाकमान. जी हां सिद्धारमैया का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेता अगर उन्हें निर्देश देते हैं तो वह सीएम पद छोड़ने को तैयार हैं.
यानी अब तक नतीजा सामने नहीं आया है. ये बात तो पहले ब्रेकफास्ट के बाद भी सामने आई थी. दोनों ही नेताओं ने तब भी यह कहा था कि आलाकमान जो निर्णय लेगा वह मंजूर होगा.
दूसरे ब्रेकफास्ट में क्या हुआ
मंगलवार 2 दिसंबर को दोनों नेताओं के बीच सुलह के लिहाज से एक और ब्रेकफास्ट आयोजित किया गया. इस दौरान चिकन करी से लेकर इडली और कॉफी तक परोसा गया. सूत्रों की मानें तो दोनों ही नेताओं के बीतचीत काफी सहज रही. लेकिन खास बात यह है कि दूसरी बैठक भी बेनतीजा ही निकली है. यानी गेंद कुलमिलाकर आलकमान के पाले में ही है. ऐेस में देखना होगा कि आलाकमान सिद्धारमैया कसे ये पद लेता है या फिर डीके को सौंपता है. या इसके अलावा कोई तीसरा रास्ता निकालता है. हर किसी की नजर अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी जैसे शीर्ष नेताओं पर टिकी है.
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