कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर 'सियासी ब्रेकफास्ट', कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत?

कर्नाटक कांग्रेस में बढ़ती कलह के बीच हाईकमान ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बातचीत के लिए बैठाया, जिससे संभावित नेतृत्व बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं.

कर्नाटक कांग्रेस में बढ़ती कलह के बीच हाईकमान ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बातचीत के लिए बैठाया, जिससे संभावित नेतृत्व बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं.

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Ravi Prashant
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Congress Siddaramaiah DK Shivakumar

कांग्रेस सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार Photograph: (ANI)

कर्नाटक कांग्रेस में पिछले कुछ समय से चल रही अंदरूनी कलह अब इस कदर बढ़ गई कि पार्टी हाईकमान को सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा. शुक्रवार को पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि दोनों आमने-सामने बैठकर मसले का हल निकालें. इसी निर्देश के बाद सिद्धारमैया ने शिवकुमार को शनिवार सुबह नाश्ते पर बातचीत के लिए बुलाया.

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हाईकमान जो कहेगा...

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईकमान ने दोनों नेताओं को बातचीत का निर्देश दिया है, और वे हमेशा की तरह पार्टी के आदेशों का पालन करेंगे. उन्होंने दोहराया कि उनकी राय वही है जो पहले थी , “हाईकमान जो कहेगा, वही मानेंगे.” सिद्धारमैया का कहना है कि शिवकुमार भी कई बार यही बात कह चुके हैं, इसलिए बैठक में सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी.

दोनों नेता शुक्रवार को एक कार्यक्रम में भी मिले थे, लेकिन उनके समर्थकों के बीच जारी तनातनी लगातार बढ़ रही है. दोनों गुट अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर रहे हैं, जबकि हाईकमान अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.

यह विवाद नया नहीं है.

2023 में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबी खींचतान चली थी. उस समय यह खबरें सामने आई थीं कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित तौर पर पावर-शेयरिंग फॉर्मूला तय हुआ था, हालांकि पार्टी ने कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की. अब सिद्धारमैया के 2.5 साल पूरे होने पर शिवकुमार खेमे के नेता और तेजी से मुखर हो गए हैं. उन्हें उम्मीद है कि हाईकमान आधे कार्यकाल के उस अनौपचारिक फॉर्मूले को लागू करते हुए नेतृत्व बदल सकता है.

मुख्यमंत्री पद के रेस में कई 

हालांकि इस दौड़ में शिवकुमार अकेले दावेदार नहीं हैं. गृह मंत्री जी. परमेश्वर समेत कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी मुख्यमंत्री पद की रेस में दिखाई दे रहे हैं. साथ ही, जल्द होने वाले कैबिनेट विस्तार ने भी समीकरण को और जटिल बना दिया है. हाईकमान पर यह दबाव है कि आगामी 2028 विधानसभा चुनावों को देखते हुए किस चेहरे को आगे रखा जाए.

अनुभवी सिद्धारमैया या 2023 की जीत के “आर्किटेक्ट” माने जाने वाले शिवकुमार को. इस बीच, वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने खुलकर हाईकमान को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि नेतृत्व को स्थिति संभालनी चाहिए थी, वरना यह लगातार फैलता विवाद कर्नाटक में पार्टी की पकड़ कमजोर कर देगा.

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