कोरोना महामारी के कारण बंद हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने वाली है. 2019 से बंद यात्रा उम्मीद है कि 15 जून से दोबारा शुरू हो जाएगी. दरअसल, चीनी सरकार ने पाबंदियां हटा ली हैं, जिससे यात्रा शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल गई है.
बता दें, भारत और नेपाल के हिंदू और बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन हैं. चीन ने 2019 में कोरोना महामारी की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद कर दी थी. चीनी अधिकारियों ने अब यात्रा के लिए अनुमति दे दी है.
20 हजार श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए परमिट
नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर्स एंड ट्रैवल एजेंट्स के सचिव घनश्याम घिमिरे का कहना है कि नेपाल और तिब्बत के टूर ऑपरेटरों के बीच एक बार सभी आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी हो जाए, जिसके बाद से उम्मीद है कि 15 जून से यात्रा शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि छह माह पहले ही भारत सरकार और चीन सरकार के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई थी कि कैलाश-मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की जाए.
चीनी अधिकारियों का हम इसलिए स्वागत करते हैं. हम भारतीय श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के रास्ते यात्रा करने पर एक महीना लग जाता है लेकिन नेपाल के रास्ते आसान है. नेपाल से यात्रा करना पैसे भी बचाता है और समय भी. घिमिरे ने कहा कि चीन ने वर्तमान में 20 हजार भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश-मानसरोवर की यात्रा करने के लिए परमिट दिया है.
हवाई यात्रा भी कर सकते हैं
घिमिरे ने बताया कि हवाई मार्ग से भी कैलाश यात्रा की जा सकती है. हालांकि, ये थोड़ा महंगा पड़ जाता है. हवाई मार्ग के लिए लोगों को पहले काठमांडू से हेलिकॉप्टर से केरुंग ले जाया जाता है और वहां से सड़क मार्ग से कैलाश जाया जाता है. हवाईयात्रा जो श्रद्धालु चाहते हैं, उन्हें काठमांडू से तिब्बत सीमा के पास केरुंग तक लाया जाएगा. इसके बाद सड़क मार्ग से यात्रा करनी होगी. मानसरोवर यात्रा छह महीने के लिए खुलती है, जो अप्रैल से शुरू होकर सितंबर के आखिर तक चलती है.
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