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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया Photograph: (NN)
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को आयोजित विट्ठलभाई पटेल निर्वाचन शताब्दी समारोह और ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और इसके सपनों को साकार करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है.
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता सहित देशभर की विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष मौजूद रहे\.
लोकतंत्र की आत्मा है विधानसभा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दिल्ली विधानसभा केवल ईंट और पत्थरों से बनी इमारत नहीं है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की जीवंत आत्मा है. उन्होंने कहा कि विट्ठलभाई पटेल ने औपनिवेशिक दौर में संसदीय गरिमा को नई पहचान दी और लोकतंत्र की नींव मजबूत की.
मोदी सरकार में नारी सशक्तिकरण
सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस कानून से आधी आबादी को समान प्रतिनिधित्व और बराबरी की भागीदारी मिली है. आज महिलाएं पंचायत से संसद तक, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, हर क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण की अहम शक्ति गई हैं.
युवाओं को संभालनी होगी जिम्मेदारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की मशाल नई पीढ़ी के हाथों में है. हमें पूर्वजों के सपनों को पूरा करना है और लोकतंत्र की इस ज्योति को हमेशा जलाए रखना है.
भारत दुनिया के लिए आदर्श
सिंधिया ने वैशाली की लोकतांत्रिक परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत प्राचीन काल से ही गणतंत्र की परंपरा का ध्वजवाहक रहा है. आज वही परंपरा संविधान और संसदीय व्यवस्था के माध्यम से और सशक्त हो रही है. उन्होंने कहा कि 140 करोड़ की आबादी के बीच भारत का लोकतांत्रिक मॉडल समावेशी शासन का अद्भुत उदाहरण है और यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा और G-20 शिखर सम्मेलन में इसकी विश्व स्तर पर सराहना हुई है.
विधानसभा की ऐतिहासिक धरोहर
दिल्ली विधानसभा भवन को लेकर सिंधिया ने कहा कि 1927 तक यह इमारत ब्रिटिश काल की केंद्रीय विधानसभा रही. स्वतंत्रता के बाद यहीं से महानगर परिषद और दिल्ली विधानसभा का संचालन हुआ और 1993 से यह स्थायी विधानसभा भवन बन गया.
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