JNU में बढ़ी सियासी गर्मी, ‘वंदे मातरम’ और ‘जय भीम’ से गूंजा कैंपस, 4 नवंबर को अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अध्यक्ष पद के लिए 4 नवंबर को चुनाव होंगे. वहीं, नतीजे 6 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. प्रेसिडेंटल इलेक्शन को लेकर कैंपस एकदम चुनावी मोड में है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अध्यक्ष पद के लिए 4 नवंबर को चुनाव होंगे. वहीं, नतीजे 6 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. प्रेसिडेंटल इलेक्शन को लेकर कैंपस एकदम चुनावी मोड में है.

author-image
Ravi Prashant
New Update
JNU President Election Date

जेएनयू इलेक्शन न्यूज Photograph: (ANI)

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) देश की राजधानी दिल्ली में स्थित वह शिक्षण संस्थान, जो सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि अपनी सियासी सरगर्मियों के लिए भी जाना जाता है. इन दिनों चुनावी माहौल में डूबी हुई है. आजकल सर्द हवाओं के बीच कैंपस का तापमान राजनीति ने बढ़ा दिया है. 

Advertisment

कैंपस में जारी है चुनावी गर्मी

रात ढलते ही ओपन थिएटर में नारेबाजी की आवाजें गूंजने लगती हैं. कोई ग्रुप “वंदे मातरम” के नारे लगा रहा है, तो कहीं “जय भीम” और “इंकलाब ज़िंदाबाद” के स्वर हवा में तैरते हैं. छात्र अपने-अपने संगठनों के झंडे थामे उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार में जुटे हैं. यूनिवर्सिटी के भीतर प्रेसिडेंशियल डिबेट्स भी पूरे जोश के साथ हो रही हैं, जहां उम्मीदवार अपनी विचारधाराएं और कैंपस के लिए योजनाएं रख रहे हैं. 

इस बार JNU छात्रसंघ चुनाव में कुल सात उम्मीदवार मैदान में हैं, जो यूनिवर्सिटी के शीर्ष पद यानी प्रेसिडेंट की कुर्सी के लिए मुकाबला कर रहे हैं. मतदान 4 नवंबर को होगा, जबकि 6 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. ठीक मतदान से पहले पूरा कैंपस राजनीतिक बहसों, पोस्टरों, और स्लोगनों से सजा हुआ दिख रहा है.

क्या है JNU का इतिहास? 

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की स्थापना 1969 में हुई थी. इसका नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया. यह यूनिवर्सिटी अपने उच्चस्तरीय शोध, सामाजिक विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन, और बहस की खुली संस्कृति के लिए मशहूर है. यहां विचारों की विविधता और राजनीतिक विमर्श हमेशा से JNU की पहचान रहे हैं.

राजनीति के केंद्र में रहता है JNU

बीते वर्षों में, JNU कई बार राष्ट्रीय बहसों का केंद्र बना चाहे वह छात्र राजनीति हो या वैचारिक टकराव. यही वजह है कि यहां का हर चुनाव सिर्फ छात्र राजनीति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि देश के बड़े राजनीतिक रुझानों की झलक भी दिखाता है.

इस बार भी छात्र संगठनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. हर ग्रुप अपनी विचारधारा के मुताबिक कैंपस की नीतियों और छात्र हितों को मुद्दा बना रहा है. कौन बनेगा JNU का अगला प्रेसिडेंट, इसका फैसला तो 6 नवंबर को होगा, लेकिन फिलहाल कैंपस में लोकतंत्र का यह पर्व अपने चरम पर है.

ये भी पढ़ें- Bihar Elections: ‘तेजस्वी CM बने तो अपहरण, रंगदारी और हत्या के तीन नए मंत्रालय बनेंगे’, विपक्ष पर बरसे अमित शाह

election news JNU President Election News jnu election result JNU Election Results JNU Elections JNU Election JNU election candidate
Advertisment