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इजरायल और ईरान की विवाद Photograph: (X/ani)
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने अमेरिका, इजरायल और यूरोपीय देशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि उनका देश इन ताकतों के साथ पूर्ण युद्ध की स्थिति में है. ईरानी सर्वोच्च नेता की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित एक इंटरव्यू में उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश नहीं चाहते कि इस्लामिक रिपब्लिक ईरान अपने पैरों पर खड़ा हो और आत्मनिर्भर बने.
इराक युद्ध से की तुलना
पेजेश्कियन ने 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा हालात उस संघर्ष से भी ज्यादा कठिन और जटिल हैं. उन्होंने कहा कि उस समय दुश्मन स्पष्ट था और युद्ध का मैदान भी तय था, लेकिन आज ईरान को हर दिशा से घेरने की कोशिश की जा रही है. राष्ट्रपति के मुताबिक यह दबाव केवल सैन्य नहीं बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े हर क्षेत्र में है.
पश्चिम पर गंभीर आरोप
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी देश ईरान की रोजी-रोटी, उसकी संस्कृति और उसकी राजनीतिक स्थिरता को निशाना बना रहे हैं. उनका दावा है कि यह एक बहुआयामी युद्ध है, जिसमें प्रतिबंध, अंतरराष्ट्रीय अलगाव और कूटनीतिक दबाव को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
हमले पर कड़े जवाब की चेतावनी
इंटरव्यू के दौरान ईरानी अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि देश अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है. उन्होंने कहा कि हथियारों और मानव संसाधनों दोनों के मामले में ईरान की स्थिति पहले के मुकाबले बेहतर है. अधिकारियों के मुताबिक अगर अमेरिका या इजरायल किसी हमले का फैसला करते हैं, तो उन्हें पहले से कहीं ज्यादा कड़ा और प्रभावी जवाब मिलेगा.
नेतन्याहू-ट्रंप मुलाकात का संदर्भ
पेजेश्कियन का यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार इस बैठक में ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य कदमों और क्षेत्रीय रणनीति पर चर्चा हो सकती है. कई विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल अमेरिका को ईरान के साथ सीधे युद्ध में खींचने की कोशिश कर रहा है.
अमेरिकी रुख और कूटनीति
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि वॉशिंगटन अब भी ईरान को पश्चिम एशिया और दुनिया में अस्थिरता फैलाने वाला कारक मानता है. हालांकि ट्रंप प्रशासन फिलहाल नई सैन्य कार्रवाई के बजाय प्रतिबंधों, अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक उपायों के जरिए ईरान पर दबाव बनाए रखने की नीति अपना रहा है.
क्षेत्रीय तनाव बरकरार
इन बयानों और घटनाक्रमों के बीच पश्चिम एशिया में तनाव लगातार बढ़ता दिख रहा है. ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच बयानबाजी और रणनीतिक तैयारियां आने वाले समय में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर गहरा असर डाल सकती हैं.
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