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IndiGo Flight Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले तीन दिनों से भारी आलोचना का सामना कर रही है. लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन, घंटों की देरी और देशभर के एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी ने यात्रियों को बहुत परेशान कर दिया है. सोशल मीडिया पर लोग एयरलाइन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. वहीं सरकार भी इस पूरे मामले को बेहद गंभीर संकट मान रही है.
CEO को हटाने की तैयारी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स (Peter Elbers) को हटाने की सिफारिश करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. इसके साथ ही एयरलाइन पर अब तक की सबसे बड़ी पेनल्टी लगाने की भी तैयारी है. सरकार का मानना है कि एयरलाइन ने ऑपरेशन मैनेजमेंट में बड़ी लापरवाही की, जिसके चलते हजारों यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
फ्लाइट्स में होगी कटौती
सूत्रों का कहना है कि सरकार इंडिगो के ऑपरेशंस में सीधी कटौती करने जा रही है. कई रूट्स पर इंडिगो की फ्लाइट अलॉटमेंट कम कर दिए जाएंगे. एयरलाइन को केवल उतनी ही उड़ानें चलाने की अनुमति मिलेगी, जिनके लिए पूरा क्रू उपलब्ध हो. आरोप है कि इंडिगो पिछले कई महीनों से जरूरत से ज्यादा भीड़भाड़ वाला शेड्यूल चला रही थी, जिससे यह बड़ा ऑपरेशनल ब्रेकडाउन हुआ.
फिर से तलब किए गए इंडिगो अधिकारी
स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि एयरलाइन के शीर्ष अधिकारियों को फिर आज (6 दिसंबर) शाम 6 बजे नागरिक उड्डयन मंत्रालय में बुलाया गया है. मंत्रालय यह जानना चाहता है कि अब तक एयरलाइन ने हालात सुधारने के लिए क्या कदम उठाए हैं. अधिकारियों ने साफ कहा है कि अगर तुरंत सुधार नहीं दिखा, तो और कठोर कार्रवाई होगी.
PMO को जाएगी रिपोर्ट
नागरिक विमानन मंत्रालय इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भेजने की तैयारी कर रहा है. डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) पर भी दबाव है कि वह तुरंत सख्त कदम उठाए. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इंडिगो पर और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
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