IndiGo Crisis: इंडिगो पर छाया नया संकट, दिसंबर में 5000 से ज्यादा फ्लाइट हुईं रद्द, CCI ले सकता है बड़ा एक्शन

IndiGo Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) एयरलाइन के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच शुरू करने पर विचार कर रही है.

IndiGo Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) एयरलाइन के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच शुरू करने पर विचार कर रही है.

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Deepak Kumar
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IndiGo Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो एक बार फिर बड़े संकट से घिर गई है. दिसंबर में ही 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने के बाद अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) एयरलाइन के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच शुरू करने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, CCI यह पता करना चाहती है कि क्या इंडिगो ने घरेलू बाजार में अपने दबदबे का गलत फायदा उठाया और यात्रियों को अनुचित शर्तें थोपकर परेशान किया.

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सूत्र बताते हैं कि CCI इस मामले की बारीकी से निगरानी कर रही है और जल्द फैसला करेगी कि औपचारिक जांच शुरू की जाए या नहीं. दूसरी तरफ, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पहले ही इस पूरे संकट की व्यापक जांच कर रहा है.

सबसे बड़े एयरलाइन इंडिगो की परेशानी

आपको बता दें कि घरेलू उड़ानों के बाजार में इंडिगो का करीब 65% हिस्सा है. इतने बड़े नेटवर्क के बावजूद एयरलाइन हाल ही में गंभीर क्रू शॉर्टेज से जूझती दिखी. नए पायलट रेस्ट नियमों को समय पर लागू न कर पाने की वजह से एयरलाइन के पास उपलब्ध पायलटों की संख्या जरूरत से कम रह गई. इंडिगो को जहां 2,422 कैप्टन्स की जरूरत थी, वहीं उसके पास सिर्फ 2,357 ही थे. इसका नतीजा यह हुआ कि दिसंबर के शुरुआती दिनों में हजारों यात्रियों को अचानक लगी उड़ान रद्द होने की मार झेलनी पड़ी.

DGCA 

इस स्थिति पर DGCA ने सख्ती दिखाते हुए इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ इसिड्रे परकेरस को शो-कॉज नोटिस जारी किया. अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया था, लेकिन एयरलाइन ने कहा कि उनका नेटवर्क बहुत बड़ा है, इसलिए तुरंत विस्तृत जवाब देना संभव नहीं. उन्होंने DGCA से 15 दिन का समय मांगा, जो नियमों के हिसाब से जायज है.

धारा 4 के तहत CCI कर सकती है कार्रवाई

गौरतलब है कि कॉम्पिटिशन एक्ट की धारा 4 के तहत किसी भी प्रमुख कंपनी को ग्राहकों पर अनुचित शर्तें लागू करने, सेवा बाधित करने या बाजार में अनुचित तरीके से दबदबा कायम करने की अनुमति नहीं है. अगर शुरुआती जांच में CCI को ऐसे संकेत मिलते हैं, तो वह पूरी एंटीट्रस्ट जांच शुरू कर सकती है.

इंडिगो इससे पहले भी 2015 और 2016 में शिकायतों का सामना कर चुकी है, हालांकि तब CCI ने दोनों मामलों को खारिज कर दिया था.

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