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IndiGo Crisis: इंडिगो एयरलाइन के संचालन में चल रही बड़ी अव्यवस्था को देखते हुए उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने साफ कहा कि पायलट और क्रू के लिए नए रोस्टरिंग और ड्यूटी टाइम नियम (FDTL) में किसी भी तरह का समझौता संभव नहीं है. आज (9 दिसंबर) लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि चाहे एयरलाइन कितनी भी बड़ी क्यों न हो, यात्रियों को परेशानी देने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
नायडू ने बताया कि इंडिगो का संचालन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन फिर भी सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा, “किसी भी एयरलाइन को योजना की विफलता या सरकारी नियमों का पालन न करने के कारण यात्रियों को मुश्किल में डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”
Speaking in Lok Sabha on the IndiGo crisis, Union Aviation Minister Ram Mohan Naidu Kinjarapu says, "No airline, however large, will be permitted to cause such hardship to passengers through planning failures, non-compliance..."
— ANI (@ANI) December 9, 2025
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सैकड़ों उड़ानें रद्द, DGCA का हस्तक्षेप
सोमवार यानी 8 दिसंबर को इंडिगो की करीब 500 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. हालांकि यह संख्या पिछले सप्ताह से कम थी, लेकिन यात्रियों को एयरपोर्ट्स पर काफी परेशानी झेलनी पड़ी. इस बढ़ते संकट के बीच DGCA को हस्तक्षेप करना पड़ा और इंडिगो को अस्थायी रूप से रात की ड्यूटी से जुड़े सख्त नियमों में ढील दी गई.
लेकिन इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई. कई विशेषज्ञों ने आरोप लगाया कि सरकार ने इंडिगो के दबाव में यह कदम उठाया, क्योंकि इंडिगो देश के घरेलू हवाई यातायात का लगभग 65% हिस्सा नियंत्रित करती है.
नई एयरलाइनों को बढ़ावा देने की तैयारी
उड्डयन मंत्री ने बताया कि यात्रियों को रिफंड, खोए सामान और सहायता सेवाओं से जुड़ी सुविधाओं की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि इंडिगो अब तक 750 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस कर चुकी है.
उन्होंने यह भी कहा कि इंडिगो संकट के बाद सरकार नए खिलाड़ियों को विमानन क्षेत्र में आने और नई एयरलाइंस शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बनी रहे. फिलहाल इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 65% और एयर इंडिया की लगभग 27% है.
इंडिगो की सफाई
इंडिगो, जिसे अपनी निर्धारित उड़ानों में 5% की कटौती करने का आदेश दिया गया है, ने कहा कि अव्यवस्था तकनीकी दिक्कतों, मौसम, विंटर शेड्यूल परिवर्तन और नए FDTL नियमों को लागू करने की चुनौतियों के कारण हुई.
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