Delhi Dehradun Expressway: आपने अपने देश में कई एक्सप्रेसवे और नॉर्मल एलिवेटेड देखे और सुने होंगे. इसके साथ ही आपने इन एक्सप्रेसवे पर सफर भी किया होगा. जहां तेज रफ्तार से चलती गाड़ियों से कई सौ किलोमीटर का सफर चंद घंटों में पूरा हो जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे एक्सप्रेसवे के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने देश में बनाया जा रहा है. जो साउंट प्रूफ होगा. जो देश का पहला साउंड बैरियर एक्सप्रेसवे है, ये एक्सप्रेसवे जंगलों के बीच से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे की विशेष खासियत यह है कि इस एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों की रोशनी और आवाज जंगल में नहीं सुना जाएगी.
देश का पहला साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे
बता दें कि ये एक्सप्रेसवे देश का पहला साउंट प्रूफ एक्सप्रेसवे होगा. जो राजधानी दिल्ली से उत्तराखंड के बीच बन रहा है. ये एक्सप्रेसवे दो राज्यों को सीधा आपमें जोड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे का नाम दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे है, जो उत्तराखंड के दो बड़े जंगलों से होकर गुजरेगा. बता दें कि दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे के बीच में उत्तराखंड बॉर्डर से प्रवेश करने का बाद राजाजी और शिवालिक जंगल पड़ते हैं, जहां जंगली जानवर घूमते रहते हैं.
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एक्सप्रेसवे बनाने में किया गया नई तकनीका का इस्तेमाल
बता दें कि इस एक्सप्रेसवे को बनाने में साउंड प्रूफ तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है. इस पर दौड़ने वाले वाहनों से जानवर प्रभावित नहीं होंगे. इसके लिए रिसर्च के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस साउंड प्रूफ तकनीक को विकसित किया है. इस तकनीक का इस्तेमाल देश में पहली बार दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे में किया जा रहा है. बता दें कि साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे बनाने का मकसद गाड़ियों की आवाज और लाइटों की रोशनी को जंगल तक जाने से रोकना है. जिससे जंगली जानवरों को कोई परेशानी ना हो.
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जंगलों के ऊपर से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
इसके साथ ही राजाजी और शिवालिक जंगलों में ये एक्सप्रेसवे 12 किमी लंबा होगा. जहां 800 हाईमास्ट लाइटें लगाई जाएंगी. इसकी पूरी लाइट सिर्फ सड़कों को ही रोशन करेगी. इस बनाने में ऐसी व्यवस्था की गई है कि साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे के ऊपर गाड़ियों की आवाज कितनी भी क्यों ना हो ये आवाज जंगल तक नहीं जाएगी. इसके साथ ही रात के समय लाइटों की रोशनी जंगल में नहीं जाएगी.