Indian Railway: भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन समझा जाता है, क्योंकि रोजाना लाखों करोड़ों की तदाद में लोग ट्रेन से सफर करते हैं. इसके अलावा ट्रेन यातायात के बाकि माध्यमों के अलावा काफी सुगम और सस्ता भी है. ऐसे में रेलवे भी अपने यात्रियों की जरूरत और सुविधा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अपनी सेवाओं को अपडेट करता रहता है. इस क्रम में रेलवे ने लोअर बर्थ को लेकर बड़ा कदम उठया है. दरअसल, ट्रेन में लोअर बर्थ को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. खासतौर से बुजुर्ग, महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों में लोअर बर्थ को लेकर खासी मांग होती है.
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी ने दी जानकारी
इस क्रम में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि लोअर बर्थ की प्राथमिकता कुछ विशेष लोगों के लिए तय की गई है. रेल मंत्री ने कहा कि अब केवल प्राथमिकता के आधार पर ही बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों को लोअर बर्थ की सुविधा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि लोअर बर्थ सीमित होती हैं. ऐसे में सभी यात्रियों को नीचे की सीट दे पाना संभव नहीं है. लेकिन भारतीय रेलवे अब यह सुनिश्चित करेगा कि जिन यात्रियों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, उसी की यह सीट दी जाए.
उन्होंने साफ कहा कि लोअर बर्थ के लिए रेलवे की तरफ की पहली प्राथमिकता महिलाएं, बुजुर्ग और दिव्यांग है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेन के हर कोच में लोअर बर्थ यानी नीचे की सीट की एक निश्चित संख्या होती है. स्लीपर कोच की बात करें तो इसमें 6 से 7 ही नीचे की सीट होती है. जबकि थर्ड एसी के कोच में 4 से 5 नीचे की सीट होती हैं. जबकि 2 एसी के प्रत्येक कोच में 3 से 4 कोच में 3 से 4 लोअर सीट होती हैं.
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इन लोगों को दी जाएगी प्राथमिकता
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेन के कोच में लोअर बर्थ की संख्या को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे दिव्यांग यात्रियों को हमेशा प्राथमिकता में रखता है, जिससे कि उनको बैठने में कोई दिक्कत न आए. उनके लिए स्लीपर कोच में 2 लोअर बर्थ आरक्षित भी रखी जाती हैं. जबकि थर्ड एसी और थर्ड इकोनॉमी में चार नीचे की सीट आरक्षित रखी जाती हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोअर बर्थ खाली रहती है तो प्राथमिकता के लिहाज से वृद्ध, दिव्यांग और प्रेग्नेंट महिलाओं की तरजीह दी जाती है.