भारतीय नौसेना को मिला 'साइलेंट हंटर', Indian Navy में शामिल हुआ पनडुब्बी रोधी जहाज INS माहे

भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. जिसका एक उदाहरण आईएनएस माहे है. जिसे सोमवार (24 नवंबर) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.

भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. जिसका एक उदाहरण आईएनएस माहे है. जिसे सोमवार (24 नवंबर) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.

author-image
Suhel Khan
New Update
INS Mahe

भारतीय नौसेना की बढ़गी ताकत Photograph: (X@PIB_India)

भारतीय नौसेना की ताकत में सोमवार (24 नवंबर) को इजाफा हो गया. दरअसल, पनडुब्बी रोधी युद्धक जहाज आईएनएस माहे को सोमवार को मुंबई स्थित नौसेना गोदी में शामिल किया गया. इस समारोह की मेजबानी पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने की. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आईएनएस माहे को नौसेना में कमीशन किया.

Advertisment

भारत का 'मूक शिकारी' है आईएनएस माहे

आईएनएस माहे का जलावतरण लड़ाकू विमानों की एक नई पीढ़ी के आगमन का प्रतीक है. जो भारत के चतुर, तेज और दृढ़ निश्चिक का साक्षी बनेगा. इस जहाज का निर्माण कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा किया गया है. जो नौसेना के जहाज़ों के डिज़ाइन और निर्माण में आत्मनिर्भर भारत पहल का एक अत्याधुनिक उदाहरण है. आईएनएस माहे छोटा होते हुए भी शक्तिशाली है और चपलता, सटीकता और सहनशक्ति का प्रतीक है. ये जहाज भारत के तटीय क्षेत्रों पर प्रभुत्व बनाए रखने के लिए ज़रूरी हैं.

अपनी मारक क्षमता, गोपनीयता और गतिशीलता के मिश्रण के साथ, यह जहाज पनडुब्बियों का शिकार करने, तटीय गश्त करने और भारत के महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. यह पश्चिमी समुद्र तट पर एक 'मूक शिकारी' के रूप में काम करेगा. आईएनएस माहे आत्मनिर्भरता से प्रेरित और भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए समर्पित है.

नेवल डाकयार्ड से की गई माहे की कमिशनिंग

आईएनएस माहे की कमीशनिंग मुंबई स्थित नेवल डाकयार्ड में आयोजित की गई. जिसकी मेजबानी वेस्टर्न नेवल कमांड के फ्लैग अफसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने की. थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी कार्यक्रम की अध्यक्षता की.

ये भी पढ़ें: Who is Justice Surya Kant: कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत, आज देश के 53वें CJI के तौर पर लेंगे शपथ

80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री से हुआ है निर्माण

इस जहाज का निर्माण 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से किया गया है. माहे श्रेणी के इस युद्धपोत का डिज़ाइन, निर्माण और एकीकरण समुद्र में बढ़ती भारत की महारत को दर्शाता है. इस जहाज का नाम मालाबार तट पर स्थित ऐतिहासिक तटीय शहर माहे के नाम पर रखा गया है. इस जहाज़ के शिखर पर 'उरुमी' अंकित है, जो कलारीपयट्टू की लचीली तलवार है, जो चपलता, सटीकता और घातक सुंदरता का प्रतीक है.

ये भी पढ़ें: Weather Update: उत्तर भारत में ठंड ने पकड़ी रफ्तार, दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट, देखिए आज की वेदर रिपोर्ट

INS Mahe
Advertisment