Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान में मचेगा हाहाकार, बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेंगे लोग, भारत सरकार ने ले लिया कड़ा निर्णय

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़े निर्णय लेने की प्रकिया शुरू कर दी है. इस कड़ी में मोदी सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिससे पाकिस्तान में हाहाकार मच जाएगा.

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Pankaj Kumar
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Indian government suspends indus water treaty with pakistan after Pahalgam Terror Attack

Photograph: (ANI)

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के बैसारन में आंतकी हमला हुआ. इस हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. ये सभी टूरिस्ट थे. इस घटना के बाद भारत सरकार ने कई सख्त निर्णय लिए हैं. 23 अप्रैल की शाम को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक कई कड़े निर्णय लिए गए, जिसका सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ना तय है.  भारत सरकार द्वारा लिए फैसलों में सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित करना शामिल है. सिंधु जल समझौते के स्थगित करने से पाकिस्तान में पानी की भारी किल्लत हो सकती है. बता दें कि सिंधु पाकिस्तान की लाइफ लाइन कही जाती है. 

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कैसे प्रभावित होगा पाकिस्तान?

  • पाकिस्तान की 80 प्रतिशत खेती योग्य भूमि प्रभावित हो सकती है. पाकिस्तान में सिंचाई के लिए जितने जल का उपयोग किया जाता है उसका 93 प्रतिशत हिस्सा सिंधु से आता है.
  • भारत का नियंत्रण होने के बाद पाकिस्तान में सिंचाई मुश्किल हो जाएगी. इससे खाद्य उत्पादन में गिरावट आएगी और अकाल की समस्या हो सकती है.
  • सिंधु नदी लगभग 21 करोड़ लोगों की जीवन रेखा है. पाकिस्तान की सिंधु बेसिन की 61 प्रतिशत आबादी जो सिंधु पर निर्भर है उनकी दिक्कतें बढ़ेंगी.
  • सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची, लाहौर, मुल्तान निर्भर रहते हैं. वहां का जनजीवन प्रभावित होगा.
  • पाकिस्तान के पॉवर प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे.  जिससे बिजली उत्पादन और प्रवाह प्रभावित होंगे और कई शहरों में आपूर्ति लगभग बंद हो सकती है. 

कब हुआ था सिंधु जल समझौता?

सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था. उस समय भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान में मिलिट्री जनरल अयूब खान की सरकार थी. समझौता कराची में हुआ था. इस समझौते की मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी. समझौते के मुताबिक भारत को सिंधु और सहायक नदियों का 19.5 फीसदी पानी मिलता है जबकि पाकिस्तान को 80 फीसदी. भारत अपने हिस्से का 90 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर पाता है शेष पानी पाकिस्तान की तरफ जाता है.

समझौते के मुताबिक प्रत्येक साल सिंधु जल आयोग की बैठक अनिवार्य है. दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं है इसलिए आखिरी बैठक 30-31 मई 2022 को नई दिल्ली में हुई थी. बता दें कि सिंधु और सहायक नदियों को 6 नदियों में विभाजित किया गया है. 3 पूर्वी नदियों सतलज, ब्यास और रावी पर भारत का जबकि पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब पर पाकिस्तान का अधिकार है. 

भारत ने 1948 में रोका था पानी

भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 के बाद विवाद शुरू हुआ था जिसके बाद 1948 में भारत ने पानी रोक दिया था जिसके बाद पानी की दिक्कत पाकिस्तान में शुरू हो गई थी. 1951 में विश्व बैंक ने अपनी अध्यक्षता में समझौता कराने की पहल की और 10 साल की बैठक के बाद 1960 में 19 सितंबर को समझौता हुआ. 12 जनवरी 1961 को संधि की शर्तें लागू की गई. 

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Indian government suspends indus water treaty Pahalgam Terror Attack
      
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