भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत, मिलेगा नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM, नाकाम होंगे दुश्मन के मंसूबे

Air Defence System: भारत अपनी सेना की ताकत को लगातार बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय सेना में अब एक और वायु रक्षा प्रणाली शामिल होने जा रही है. जिसके लिए रक्षा मंत्रालय 30 हजार करोड़ रुपये की डील करने जा रहा है.

Air Defence System: भारत अपनी सेना की ताकत को लगातार बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय सेना में अब एक और वायु रक्षा प्रणाली शामिल होने जा रही है. जिसके लिए रक्षा मंत्रालय 30 हजार करोड़ रुपये की डील करने जा रहा है.

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Suhel Khan
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Air Defence System

भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत Photograph: (Social Media)

Air Defence System: भारतीय सेना की ताकत में बढ़ोतरी होने वाली है. दरअसल, भारतीय सेना को जल्द नया एयर डिफेंस सिस्टम मिल सकता है. जिससे दुश्मन की कोई भी मिसाइल या ड्रोन भारतीय सीमा से भी आसमान में मार गिराया जाएगा. दरअसल, रक्षा मंत्रालय भारतीय सेना के लिए नई स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल QR-SAM (क्यूआर-एसएएम) प्रणाली की तीन रेजिमेंट खरीदने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय इसके लिए 30 हजार करोड़ रुपये की डील करेगा.

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डील के लिए 30 हजार करोड की मंजूरी

जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस मिसाइल सिस्टम की डील के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी देने वाला है. रक्षा मंत्रालय ने ये निर्णय भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए किया है. बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा परिषद इस महीने के आखिर में अत्यधिक मोबाइल क्यूआर-एसएएम सिस्टम के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AON) देने पर विचार कर सकती है. इस मिसाइल सिस्टम को 25-30 किमी तक की दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन किया गया है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया गया निर्णय

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने इस मिसाइल सिस्टम की डील का फैसला ऐसे समय में लिया है जब भारत के मौजूदा बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जिसने पाकिस्तान के तुर्की निर्मित ड्रोन और चीनी मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया. बता दें कि डीआरडीओ और सेना ने पिछले तीन से 4 सालों में कई हवाई लक्ष्यों को क्यूआर-एसएएम सिस्टम की मदद से नाकाम किया है.

एक अधिकारी के मुताबिक, ये मिसाइल सिस्टम युद्ध के मैदान में हवाई सुरक्षा प्रदान करने के लिए टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के साथ चलने के लिए तैयार किए गए हैं. सेना वायु रक्षा (AAD) ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. अब उसे क्यूआर-एसएएम की 11 रेजिमेंटों की जरूरत है. यही नहीं वह अब स्वदेशी आकाश प्रणाली की रेजिमेंटों को भी धीरे-धीरे शामिल कर रहा है.

नई वायु रक्षा प्रणाली से होंगे ये फायदे

बता दें कि क्यूआर-एसएएम QR-SAM रक्षा प्रणाली के सेना में शामिल होने से भारतीय वायुसेना और सेना के मौजूदा वायु रक्षा नेटवर्क में बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही QR-SAM एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकेगी. जो एकदम ऑटोमैटिक फायरिंग फैसले लेगा, जो बहुत ही तेज सटीक और जानलेवा है. इसके अलावा इसे किसी भी प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकेगा. यानी इसे ट्रक, बंकर या मोबाइल यूनिट से भी लॉन्च किया जा सकेगा.

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