भारतीय सेना ने एक 'आत्मघाती' ड्रोन का सफल परीक्षण किया है. इस ड्रोन की खासियत है कि यह पलक झपकते दुश्मन के टैंक को तबाह कर देगा. सेना की फ्लेर-डी-लीस बिग्रेड ने फर्स्ट-पर्सन व्यू (एफपीवी) ड्रोन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह आत्मघाती हमले में भूमिका निभाने के साथ एक एंटी-टैंक हथियार की तरह काम करेगा. यह एक ऐसी परियोजना है, जो रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों के लिए अहम मानी जाती है. ड्रोन का परीक्षण पंजाब के पठानकोट में किया गया.
100 से ज्यादा ड्रोन तैयार किए गए
फ्लेर-डी-लीस बिग्रेड ने सामरिक रूप से एक अहम एफपीवी ड्रोन का सफल परीक्षण किया है. यह एंटी-टैंक हथियार से लैस है. एफपीवी ड्रोन को डीआरडीओ के चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) के सहयोग से तैयार किया गया है. अगस्त 2024 में आरंभ इस पहल के तहत किफायती, उच्च प्रभाव वाले हवाई हमले की क्षमताओं को बढ़ाने को लेकर व्यापक अनुसंधान, विकास और परीक्षण हो रहे हैं. एफपीवी ड्रोन को राइजिंग स्टार ड्रोन बैटल स्कूल में असेंबल किया गया है. मार्च 2025 तक 100 से ज्यादा ड्रोन तैयार किए गए हैं.
नया ड्रोन कई युद्धक अभियानों को लेकर सटीक है
ऑपरेटर की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर पेलोड सिस्टम में एक दोहरे सुरक्षा तंत्र को शामिल किया गया. यह परिवहन, संचालन और उड़ान के दौरान दुर्घटनावश विस्फोट को रोकता है. इससे पायलटों और ड्रोन का संचालन होने वाले कर्मियों के लिए जोखिम कम हेाता है. यह नया ड्रोन कई युद्धक अभियानों को लेकर सटीक है.
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