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डिफेंस डील न्यूज Photograph: (ANI)
भारत सरकार ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा सौदा किया है. इस डील के तहत 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे. पूरी डील की कीमत लगभग 62,370 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह अब तक का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है, जो स्वदेशी लड़ाकू विमानों के लिए किया गया है.
2021 की डील के बाद नई खरीद
बता दें, फरवरी 2021 में सरकार ने 83 तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद के लिए 46,898 करोड़ रुपये की डील साइन की थी. हालांकि अब तक भारतीय वायुसेना को उस ऑर्डर का पहला विमान भी नहीं मिला है. इसके बावजूद बढ़ती जरूरत और स्क्वाड्रन की कमी को देखते हुए एक और बड़ी डील की गई.
मिग-21 की रिटायरमेंट और स्क्वाड्रन की कमी
यह समझौता ऐसे समय में होने जा रहा है जब एयरफोर्स के 36 मिग-21 विमान रिटायर होने के लिए लाइन में खड़े हैं. इनके रिटायरमेंट के बाद वायुसेना के पास केवल 29 स्क्वाड्रन ही बचेंगे, जबकि एक स्क्वाड्रन में करीब 16–18 विमान होते हैं. यह संख्या एयरफोर्स की अब तक की सबसे कम क्षमता मानी जा रही है. ऐसे में तेजस विमान वायुसेना की ताकत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आकलन
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना ने अपनी क्षमता का आकलन किया. इस दौरान पाकिस्तान ने चीन से मिले J-10 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया, जिनमें PL-15 मिसाइलें लगी थीं. इन मिसाइलों की मारक क्षमता 200 किलोमीटर से ज्यादा है. इस घटना ने वायुसेना को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि मौजूदा 42.5 स्क्वाड्रन की मंजूरशुदा ताकत भी शायद भविष्य के खतरों से निपटने के लिए काफी न हो.
114 ‘मेड इन इंडिया’ राफेल की तैयारी
तेजस के अलावा सरकार अब 114 ‘मेड इन इंडिया’ राफेल जेट्स की डील पर भी विचार कर रही है. रक्षा मंत्रालय को इस प्रस्ताव पर वायुसेना से औपचारिक सुझाव मिल गया है. अगर यह डील फाइनल होती है तो यह अब तक की सबसे बड़ी रक्षा खरीद होगी, जिसकी कीमत करीब 2 लाख करोड़ रुपये आंकी जा रही है.
राफेल का पहले से ही जलवा
राफेल विमान पहले ही भारतीय वायुसेना में अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल ने पाकिस्तान के PL-15 मिसाइलों को मात दी थी, जिसमें उनके स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम की बड़ी भूमिका रही.
भारत में ही बनेगा राफेल का इंजन सेंटर
फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर यह जेट बनाएगी. इसके अलावा हैदराबाद में राफेल के M-88 इंजन के लिए मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) सेंटर स्थापित करने की भी योजना है.
तेजस और राफेल की यह दो बड़ी डील भारतीय वायुसेना की ताकत को अगले दशक के लिए मजबूत आधार देंगी. यह सिर्फ रक्षा के लिहाज से नहीं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत मिशन के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी.
MoD signed a contract with @HALHQBLR for 97 LCA Mk1A aircraft (68 Fighters & 29 Twin Seaters) with associated equipment for the IAF at Rs 62,370 Cr (excl. taxes) under Buy (India-IDDM), today in New Delhi. The advanced LCA Mk1A integrates UTTAM AESA #Radar, Swayam Raksha Kavach &… pic.twitter.com/Bwm8WlsITq
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) September 25, 2025
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