Operation Sindoor: सेना के पराक्रम ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आंतकवाद बल्कि इसको पनाह देने वाले पाकिस्तान को भी मुंहतोड़ जवाब दिया है. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार कई सेना की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जानकारी दी जा रही है. इसी कड़ी में सोमवार 12 मई को सेना की ओर से एक और प्रेस वार्ता की गई. इस प्रेस वार्ता की शुरुआत में ही बिहार के राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना की कुछ पंक्तियों को पढ़ा. याचना नहीं, अब रण होगा! जीवन जय या मरण होगा...इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यूज़ नेशन के वरिष्ठ संवाददाता मधुरेंद्र ने भी दो सवाल किए. उनके इन सवालों का एयर मार्शल एके भारती ने जवाब दिया.
एयर मार्शल ने कहा 'बोले राम सकोप तब, भय बिनु होई ना प्रीत'
न्यूज नेशन का सवालः अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में आपने एक वीडियो प्ले किया जिसमें राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कृष्ण की चेतावनी के जरिए दुश्मन को संदेश दिया गया, याचना नहीं अब रण होगा, जीवन जय या मरण होगा...
इसके बाद न्यूज नेशन वरिष्ठ संवाददाता मधुरेंद्र ने सवाल किया- कल शिव तांडव के जरिए संदेश दिया गया था आज कृष्ण की चेतावनी के जरिए, किस तरह का डिटरेंट क्रिएट किया गया इन पंक्तियों के जरिए अगर अब elaborate करें
एयर मार्शन ने दिया जवाब- एके भारती ने कहा- बहुत अच्छा लगा आपकी कविता सुनकर और आपकी हिंदी सुनकर. मैं आपको राम चरित मानस की पंक्ति याद दिलाउंगा. "बिनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति." समझदार के लिए इशारा ही काफी है.
न्यूज नेशन का दूसरा सवाल: ड्रोन अटैक को लेकर है, जिस तरह से तुर्किये ड्रोन को लेकर हाइव किया गया था और भारत ने इसे धराशाई कर दिया, आपको लगता है यह ओवररेटेड था.
एयर मार्शल का जवाब- तुर्किये ड्रोन का सवाल है तो आपने देखा कि किस तरह के फोटोग्राफ हमने आपको दिखाए हैं. हमारे काउंटर अटैक सिस्टम, हमारे ट्रेंड एयर डिफेंस ऑपरेटर पूरी तरह सक्षम हैं और हमारे देश की कैपिबिलिटी है काउंटर के लिए उसने दिखा दिया है चाहे किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी आ जाए हम उसको काउंटर करने के लिए तैयार हैं. मुझे बोलने की ज्यादा जरूरत नहीं है. आपने खुद अपनी आंखों से देखा है हमने इसका क्या हश्र किया है.
इससे पहले डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय एयर डिफेंस सिस्मट की मजबूती को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने इसे 1970 के दशक की ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की घातक गेंदबाजी से तुलना करते हुए कहा कि पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल भारतीय वायु रक्षा की मजबूत दीवार को पार नहीं कर सके. यह प्रेस वार्ता 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आयोजित की गई थी, जिसमें भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती और नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद भी शामिल थे.
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