India Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच भारी तनाव बना हुआ है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से शुरू हुआ ये तनाव अब चरम पर पहुंच गया है. पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया है. इस ऑपरेशन के तहत भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक की. इस दौरान भारत के सशस्त्र बलों ने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया. इससे पाकिस्तान बौखला गया.
उसके बाद पाकिस्तान की ओर से भारत में हमला किया गया. लेकिन भारत ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया. दोनों देश एक दूसरे पर हवाई हमले कर रहे हैं. गुरुवार को दोनों ओर से मिसाइल और ड्रोन दागे गए, हालांकि इन सभी हमलों को भारत ने नाकाम कर दिया. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि युद्ध की स्थित में अगर हवाई हमला हो या ड्रोन अटैक हो तो आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं.
हवाई हमले की स्थित में क्या करती है वायु सेना
युद्ध के दौरान अगर दुश्मन का कोई रॉकेट मिसाइल या फाइटर जेट हमारी सीमा में प्रवेश करता है. तो वायु सेना के रडार तुरंत उसका पता लगा लेते हैं. जिससे दुश्मन के हमले के बारे में तुरंत जानकारी मिल जाती है. दुश्मन देश अगर कोई मिसाइल लॉक करता है तो उसकी रफ्तार की दिशा को देखते हुए वायु सेना हमले का संभावित अलर्ट भी भेज देती है. इसके बाद हमले के संभावित स्थानों पर कुछ सेकंड पहले एयर रेड सायरन बजने लगते हैं जिससे लोग जल्द से जल्द छिप जाएं.
कब और क्यों बजाया जाता है सायरन
दरअसल, जब हवाई हमला, मिसाइल हमला या कोई बड़ा खतरा आने वाला होता है, तब सायरन बजाए जाते हैं. एयर सायरन का रेड अलर्ट होने के तुरंत बाद भीड़भाड़ वाली जगह से निकलकल तुरंत सबवे या अंडर-पास में जाकर छुप जाना सुरक्षित माना जाता है. हालांकि, अंडर पास सिर्फ बड़े शहरों में होते हैं ऐसे में ये हवाई हमलों के दौरान सुरक्षित ठिकाने हो सकते हैं. क्योंकि उनके ऊपर से बस ट्रक जैसे भारी वाहन गुजरते हैं जिसके चलते रॉकेट या मिसाइल का प्रभाव उन पर बहुत कम होता है.
हमले के दौरान ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
- अगर हवाई हमले के दौरान आप खुले स्थान पर हैं तो तुरंत किसी ऐसे फ्लाईओवर के नीचे चले जाएं जिसकी ऊंचाई कम हो.
- हवाई हमले के दौरान आप किसी इमारत में हैं तो रेड सायरन बजते ही इमारत के मुख्य द्वार से दूर चले जाएं. इस दौरान इमारत के ऐसे हिस्से में बिल्कुल ना खड़े हो जहां एक परत की दीवार या चारों तरफ सिर्फ खिड़कियां हों.
- इस दौरान आप उन हिस्सों में जा सकते हैं जिसकी दीवारों के बाहर भी दीवारों की परत हो, यानी टॉयलेट्स या सीढ़ियों के नीचे की जगह छिप सकते हैं जो सुरक्षित मानी जाती हैं.
- हवाई हमले के सायरन के दौरान एक तेज, चीखने वाली आवाज निकलती है, जो लगातार बढ़ती और घटती रहती है.
- बता दें कि सायरन की आवाज में तेज और कम चेतावनी का संकेत भी होता है, यानी जब सायरन 1 से 3 मिनट तक बजे तब लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए.
- एक मिनट तक रहने वाली सायरन की आवाज सिंगल होती है. जो न तो ऊपर उठती है और न ही नीचे जाती है. जो इस बात का संकेत है कि खतरा टल चुका है. उसके बाद आप बाहर आ सकते हैं.
- ऐसे में सायरन बजते ही सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
- हमले के वक्त बिजली, घर के सभी इलेक्ट्रॉनिक और गैस के उपकरणों को बंद कर दें.
- घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर लें.
- जमीन पर लेटकर सिर ढक लें.
- आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें खाने पीने के सामान और फर्स्टएड की चीजें रखें.
- किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें, सिर्फ सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें.
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