India-Pak Conflict: भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का अमेरिका ने किया समर्थन, पहले रखा था मध्यस्थता का प्रस्ताव

India-Pak Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद अब अमेरिका ने दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत का सर्मथन किया है. हालांकि इससे पहले अमेरिका ने कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था. लेकिन भारत ने इससे इनकार कर दिया.

India-Pak Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद अब अमेरिका ने दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत का सर्मथन किया है. हालांकि इससे पहले अमेरिका ने कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था. लेकिन भारत ने इससे इनकार कर दिया.

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Suhel Khan
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भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का अमेरिका ने किया समर्थन Photograph: (Social Media)

India-Pak Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद अमेरिका ने कश्मीर मुद्दे पर भी भारत और पाकिस्तान के सामने मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया. अब अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन किया है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से बात की और भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने सीजफायर को बनाए रखने और दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावनाओं के महत्व पर जोर दिया.

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रुबियो ने दोहराई समर्थन की बात

रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिका के समर्थन की बात दोहराई. साथ ही द्विपक्षीय संचार को मजबूत करने के लिए चल रही कोशिशों पर भी बल दिया. इससे पहले रुबियो ने शनिवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बातचीत के बाद की थी. यह बातचीत भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई. उसके बाद जयशंकर ने शनिवार को कहा, "आज सुबह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत हुई. भारत का दृष्टिकोण हमेशा से ही संतुलित और जिम्मेदाराना रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा."

कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता का रखा था प्रस्ताव

बता दें कि इससे पहले, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते पर सहमति जताने के एक दिन बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर "हजार साल" बाद समाधान तक पहुंचने के लिए दोनों देशों के साथ मध्यस्थता और काम करने की पेशकश की थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा, "मैं आप दोनों के साथ मिलकर यह देखने के लिए काम करूंगा कि क्या "हजार साल" बाद कश्मीर के मामले में कोई समाधान निकाला जा सकता है. भगवान भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को उनके अच्छे काम के लिए आशीर्वाद दें."

ट्रंप के इस प्रस्ताव का पाक पीएम शहबाज शरीफ ने स्वागत किया. लेकिन भारत अपने रुख पर अड़ा रहा और मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर पर भारत की स्थिति स्पष्ट है, अब केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस करना ही बचा हुआ मुद्दा है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं होता, तब तक बात करने के लिए और कुछ नहीं है.

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