'धीरे-धीरे स्थिति में हो रहा है सुधार', Indigo के ऑपरेशनल संकट पर CEO ने फिर से दी सफाई

देशभर में छह दिनों से जारी इंडिगो की ऑपरेशनल अव्यवस्था के बीच CEO पीटर एल्बर्स ने देरी और रद्द उड़ानों पर खेद जताया है. उन्होंने कर्मचारियों को लिखे पत्र में स्थिति में सुधार का दावा किया.

देशभर में छह दिनों से जारी इंडिगो की ऑपरेशनल अव्यवस्था के बीच CEO पीटर एल्बर्स ने देरी और रद्द उड़ानों पर खेद जताया है. उन्होंने कर्मचारियों को लिखे पत्र में स्थिति में सुधार का दावा किया.

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Ravi Prashant
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CEO पीटर एल्बर्स Photograph: (ANI)

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो बीते 6 दिनों से गंभीर ऑपरेशनल अव्यवस्था से जूझ रही है. फ्लाइट्स की देरी, बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और एयरपोर्ट पर यात्रियों की परेशानी ने पूरे नेटवर्क को प्रभावित किया है. रविवार को स्थिति के छठे दिन CEO पीटर एल्बर्स ने कर्मचारियों को एक डिटेल में लेटर लिखकर खेद जताया और भरोसा दिलाया कि हालात तेजी से सुधर रहे हैं.

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CEO ने अब क्या कहा? 

पीटर एल्बर्स ने बताया कि शुक्रवार को ‘सिस्टम रीबूट’ करने के फैसले के बाद शनिवार से परिचालन में सुधार दिखा है. शनिवार को एयरलाइन ने लगभग 1500 उड़ानें संचालित कीं, जबकि शुक्रवार को यह संख्या 700 के आसपास थी. उन्होंने कहा कि अब रद्द उड़ानों की जानकारी यात्रियों को समय से दी जा रही है, जिससे वे अनावश्यक रूप से एयरपोर्ट न पहुंचें.

क्या फ्यूचर में नहीं होगी ऐसी गलती? 

एल्बर्स ने कहा कि रविवार को फ्लाइट्स की संख्या बढ़कर 1650 तक पहुंचने की उम्मीद है. OTP यानी ऑन-टाइम परफॉर्मेंस भी 30 प्रतिशत से बढ़कर करीब 75 प्रतिशत होने का अनुमान है. कंपनी के अनुसार, 138 में से 137 स्टेशन फिर से सामान्य संचालन में लौट आए हैं और रिफंड, लगेज तथा रीबुकिंग से जुड़े कार्य भी तेजी से निपटाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एयरलाइन अपने ग्राहकों की परेशानी को समझती है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो.

वायरल ‘ओपन लेटर’ में प्रबंधन पर गंभीर आरोप

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक कथित “ओपन लेटर” वायरल हुआ है, जो खुद को एक ‘इंडिगो इनसाइडर’ बताने वाले शख्स द्वारा लिखा गया बताया जाता है. यह पत्र प्रबंधन, विशेषकर CEO और कई शीर्ष अधिकारियों पर कामकाज में गिरावट, खराब लीडरशीप, कर्मचारियों का शोषण और असुरक्षित कार्य संस्कृति जैसे गंभीर आरोप लगाता है. लेटर में दावा किया गया है कि यह संकट कई वर्षों से पनप रही आंतरिक समस्याओं का नतीजा है, जिसमें कर्मचारियों को थकान, कम स्टाफिंग और लगातार बढ़ते दबाव के बावजूद पर्याप्त सहयोग नहीं मिला. 

इसमें कहा गया कि कर्मचारियों ने कई बार सुरक्षा और संचालन से जुड़े चेतावनी संकेत दिए, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें नजरअंदाज किया. हालांकि यह पत्र अप्रमाणित है, लेकिन इससे इंडिगो की आंतरिक संस्कृति और प्रबंधन पर सवाल खड़े हुए हैं.

CEO को शो-कॉज नोटिस

उधर, बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो CEO पीटर एल्बर्स को शो-कॉज नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि हालिया ऑपरेशनल विफलताएं योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में गंभीर चूक का संकेत देती हैं. DGCA ने एल्बर्स से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है, अन्यथा नियामक एकतरफा कार्रवाई कर सकता है. एयरलाइन पर निगरानी बढ़ा दी गई है और DGCA ने संकेत दिया है कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्रभावित करने वाली किसी भी बड़ी चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

आगे की राह क्या है? 

इंडिगो के लिए यह संकट केवल परिचालनिक चुनौती नहीं, बल्कि उसकी ब्रांड छवि के लिए भी बड़ा झटका है. जहां एक ओर CEO स्थिति सुधारने के प्रयासों का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वायरल पत्रों और नियामक कार्रवाई ने प्रबंधन पर अप्रत्याशित दबाव बढ़ा दिया है.

आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि इंडिगो अपने संचालन को पूरी तरह सामान्य कर पाती है या नहीं, और क्या एयरलाइन इस संकट से सीख लेकर अपने कर्मचारियों और यात्रियों दोनों के हितों में ठोस बदलाव लाती है.

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