प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शुक्रवार को मालदीव की राजधानी माले में अहम बातचीत की. ये मुलाकात भारत-मालदीव संबंधों में नई शुरुआत मानी जा रही है. दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की और रिश्तों को और मजबूत करने का संकल्प लिया.
व्यापार, रक्षा और पर्यावरण पर बातचीत
बैठक में व्यापार, रक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्लाइमेट एक्शन जैसे मुद्दों पर गहराई से चर्चा हुई. खास बात यह रही कि भारत और मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की बातचीत शुरू करने का फैसला लिया गया. इसके अलावा, बाइलेटरल इनवेस्टमेंट ट्रीटी को भी तेज़ी से आगे बढ़ाने पर सहमति बनी.
रुपये और रुफिया में होगा सीधा व्यापार
पीएम मोदी ने एलान किया कि अब दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्रा में सीधा व्यापार होगा. यानी भारतीय रुपये (INR) और मालदीव के रुफिया (MVR) में बिना डॉलर के लेन-देन संभव होगा. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को नई रफ्तार मिलेगी.
डिफेंस सेक्टर में भारत की मदद
भारत ने मालदीव की रक्षा क्षमताएं मजबूत करने के लिए 72 वाहन और अन्य रक्षा उपकरण सौंपे. साथ ही, हिंद महासागर में स्थिरता बनाए रखने के लिए समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति बनी. इस दौरान दोनों नेताओं ने हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयों और अड्दू सिटी में सड़क और ड्रेनेज प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया. इसके अलावा, देश के अलग-अलग हिस्सों में 6 सामुदायिक विकास परियोजनाएं भी शुरू की गईं.
जलवायु परिवर्तन पर साझा चिंता
जलवायु परिवर्तन के खतरे को समझते हुए, पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर काम करने का वादा किया. इस मौके पर दोनों नेताओं ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान और मालदीव के वृक्षारोपण अभियान के तहत माले में एक साथ पौधारोपण भी किया.
भारत और मालदीव के बीच ये बैठक सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक, सामरिक और पर्यावरणीय साझेदारी को नया आयाम देने वाली साबित हुई है. दोनों देशों ने साफ कर दिया है कि साथ मिलकर आगे बढ़ने से ही हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है.
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