Indo-Pak Tension: भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ सकती है. दरअसल, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निकालने के लिए शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बैठक होने वाली है. आईएमएफ की मैनेजमेंट का हिस्सा होने की वजह से भारत भी इस बैठक में हिस्सा लेगा. बैठक में पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने का एक भी मौका भारत यहां भी नहीं छोड़ने वाला है.
हालांकि, भारत के कड़े विरोध के बावजूद उम्मीद है कि पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से आर्थिक सहायता मिल जाएगी. क्योंकि आईएमएफ के दो सबसे बड़े हिस्सेदार देश अमेरिका और चीन की ओर से किसी भी प्रकार के विरोध की संभावना नहीं है.
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बैठक में पाकिस्तान का असली चेहरा सामने लाएगा भारत
एक दिन पहले, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि आईएमएफ बोर्ड की बैठक में भारत के निदेशक पाकिस्तान के बारे में अपना पक्ष पेश करेंगे. पाकिस्तान को जो लोग अपनी जेब से पैसे देते हैं, उन्हें पाकिस्तान के आतंकवादी चेहरे को भी जानने का हक है. पाकिस्तान की स्थिति को दुनिया जानती है. मिस्री ने आगे बताया कि पाकिस्तान को मदद देने से पहले जमीनी स्थिति को समझना होगा. पाकिस्तान को पिछले तीन दशकों में कई बार आर्थिक संकट से निकालने के लिए अतिरिक्त पैकेज दिया गया है, जिसमें से बहुत कम ही पैकेज सकसेसफुल रहे हैं. बता दें, आईएमएफ में परमेश्वरन अय्यर भारत के अधिशासी निदेशक हैं. वे ही इस बैठक में भारत का पक्ष रखेंगे.
दो अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने पर होगी चर्चा
बैठक में पाकिस्तान को दो अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने पर चर्चा होगी. पाकिस्तान को 2023 में भी एक मदद दी गई थी. पैकेज की शर्तों के वजह से पाकिस्तानी सरकार को कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं. बता दें, पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या 130 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है. पाकिस्तान को कर्ज का ब्याज चुकाना पड़ता है.
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