'I Love Muhammad' VS 'I Love Mahadev', कैसे हुआ स्टार्ट ये सबकुछ

उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद अचानक हालात बेकाबू हो गए. इस्लामिया ग्राउंड के पास भारी भीड़ जमा हो गई और देखते ही देखते हालात तनावपूर्ण हो गए.

उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद अचानक हालात बेकाबू हो गए. इस्लामिया ग्राउंड के पास भारी भीड़ जमा हो गई और देखते ही देखते हालात तनावपूर्ण हो गए.

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Ravi Prashant
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I Love Muhammad

'I Love Muhammad' VS 'I Love Mahadev' Photograph: (NN)

उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार की नमाज के बाद हालात अचानक बेकाबू हो गए. इस्लामिया ग्राउंड के पास भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण बन गया. मामला उस विवाद से जुड़ा है जो 4 सितंबर को कानपुर में शुरू हुआ था, जब ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान लगाए गए ‘I Love Muhammad’ पोस्टर को पुलिस ने हटाया था. तब से देश के कई हिस्सों में इस अभियान को लेकर प्रदर्शन जारी हैं.

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बरेली में भिड़ंत और लाठीचार्ज

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा की अपील पर हजारों लोग शुक्रवार की नमाज के बाद एकत्र हुए. पुलिस पहले से ही तैनात थी, लेकिन भीड़ बढ़ती गई और कुछ लोगों ने आपत्तिजनक नारेबाजी शुरू कर दी. आरोप है कि इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और कुछ ने फायरिंग भी की. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर कर दिया.

घटना स्थल पर चारों ओर चप्पलें, जूते और पत्थर बिखरे मिले. पुलिस ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. बरेली के आईजी अजय साहनी ने बताया कि 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. और मौके से हथियार भी बरामद हुए हैं. उन्होंने इसे एक पूर्व-नियोजित साज़िश बताया.

विपक्ष का हमला

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि सरकार सद्भाव और भाईचारे से चलती है, लाठीचार्ज से नहीं. उन्होंने इस कार्रवाई को सरकार की कमज़ोरी करार दिया.

अन्य जिलों में भी तनाव

यूपी के ही मऊ और बागपत में भी शुक्रवार की नमाज़ के बाद जुलूस निकाला गया. मऊ में पुलिस के रोकने पर पथराव हुआ और लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं बागपत में अनुमति न होने पर जुलूस रोका गया तो विवाद बढ़ा और पुलिस ने 150 अज्ञात और 2 नामजद लोगों पर मुकदमा दर्ज किया.

विवाद की शुरुआत

पूरा मामला कानपुर से शुरू हुआ था, जहां 4 सितंबर को एक जुलूस मार्ग पर लगे ‘I Love Muhammad’ पोस्टर वाले टेंट को हटाया गया. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि इसे जानबूझकर मिश्रित आबादी वाले इलाके में लगाया गया है. दोनों समुदायों के बीच पोस्टर तोड़ने और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए.  इसके बाद सोशल मीडिया पर #ILoveMuhammad ट्रेंड करने लगा और कई जगह प्रदर्शन शुरू हो गए. पुलिस का कहना है कि एफआईआर टेंट लगाने की परंपरा को लेकर दर्ज की गई थी, पोस्टर पर नहीं.

देशभर में फैला आंदोलन

मुंबई के मलवानी में धार्मिक नेताओं ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर विरोध दर्ज कराया. गुजरात के गांधीनगर में आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद दो समुदायों में झड़प हुई और कई गाड़ियां व दुकानें तोड़ी गईं. कर्नाटक के दावणगेरे में भी ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाए जाने के बाद पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. यूपी के कई अन्य जिलों—उन्नाव, महाराजगंज, लखनऊ और कौशांबी में भी इसी मुद्दे पर तनाव देखा गया.

आई लव महादेव का जवाबी अभियान

वाराणसी में कुछ हिंदू संगठनों ने I Love Mahadev अभियान शुरू किया. जगद्गुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद के नेतृत्व में लोगों ने पोस्टर लेकर जुलूस निकाला और आरोप लगाया कि I Love Muhammad अभियान के जरिए समाज को बांटने और देश को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है.

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