ISIS से जुड़े रिसिन अटैक की साजिश नाकाम, हैदराबाद का डॉक्टर मोइनुद्दीन बना रहा था खतरनाक केमिकल, बेचकर बनना चाहता था करोड़पति

हैदराबाद स्थित डॉक्टर मोइनुद्दीन सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसपर अरंडी के बीजों से प्राप्त खतरनाक केमिकल बनाकर भारत में बड़े हमले की साजिश रचने का आरोप है.

हैदराबाद स्थित डॉक्टर मोइनुद्दीन सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसपर अरंडी के बीजों से प्राप्त खतरनाक केमिकल बनाकर भारत में बड़े हमले की साजिश रचने का आरोप है.

author-image
Deepak Kumar
New Update
Ricin Attack

हैदराबाद के राजेंद्रनगर में रहने वाले डॉ. अहमद सैयद मोइनुद्दीन ने अपने भाई से कहा था कि वह ऐसी दवा बना रहा है जिससे पूरा घर अमीर हो जाएगा. लेकिन 13 नवंबर को गुजरात ATS ने उसके घर छापा मारा तो पता चला कि वह दवा नहीं, बल्कि जानलेवा केमिकल रिसिन तैयार कर रहा था. यह वही केमिकल है, जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठन ISIS बड़े हमलों में करते हैं.

Advertisment

ATS अधिकारियों के मुताबिक, मोइनुद्दीन ISIS के टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है और भारत में एक बड़ा केमिकल अटैक करने की योजना बना रहा था. रिसिन अरंडी के बीज (Castor Seeds) से निकाला जाता है और बेहद खतरनाक माना जाता है.

3 आरोपी गिरफ्तार, कई शहरों की रेकी की पुष्टि

ATS ने 8 नवंबर को गुजरात के बनासकांठा, यूपी के शामली और लखीमपुर खीरी से तीन आरोपियों को पकड़ा. इसमें डॉ. मोइनुद्दीन (केमिकल एक्सपर्ट), आजाद सुलेमान शेख (20 वर्ष) और मोहम्मद सुहैल सलीम खान (23 वर्ष) शामिल था.

मोइनुद्दीन ने चीन से मेडिकल की पढ़ाई की है और केमिकल प्रोसेस में विशेषज्ञ है. ATS के अनुसार, आजाद और सुहैल ने पिछले सात महीनों में लखनऊ स्थित RSS मुख्यालय, अहमदाबाद की नरोदा फल मंडी, दिल्ली की आजादपुर मंडी और हरिद्वार के मंदिरों की रेकी की थी. जांच में पाकिस्तान से कॉन्टैक्ट और ड्रोन से भेजे गए हथियार और पैसे के लिंक मिले हैं.

ATS को CCTV फुटेज और लैब का सामान मिला

7 नवंबर के CCTV फुटेज में तीनों आरोपी अहमदाबाद के होटल से बाहर निकलते दिखाई दिए, जिससे कनेक्शन बना. मोइनुद्दीन के फ्लैट से पुलिस को 3 लीटर कैस्टर ऑयल, 5 लीटर एसीटोन, तेल निकालने वाली कोल्ड प्रेस मशीन, गुप्त लैब की व्यव्स्था, ISIS का साहित्य और झंडे मिले. ATS ने बताया कि पाकिस्तान की ISI से इनके सीधे लिंक हैं.

रिसिन कितना खतरनाक है?

रिसिन की खोज 1888 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे घातक बायोलॉजिकल टॉक्सिन में से एक है. इसे साइनाइड से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, रिसिन से हमला दो तरीकों से हो सकता है-

1. पाउडर/धूल के रूप में फैलाकर- कई दिनों में असर, बड़ी आबादी प्रभावित

2. पानी में मिलाकर या इंजेक्शन द्वारा- कुछ घंटों में मौत

वैश्विक प्रतिबंध

आपको बता दें कि यूएन, अमेरिका और भारत में रिसिन पर बैन है. भारत के Weapons of Mass Destruction Act-2005 में इसे बनाना या स्टोर करना अपराध है. 1978 से 2025 तक दुनिया में 40 बार रिसिन आतंकी हमलों में इस्तेमाल किया जा चुका है. ATS ने कहा कि इस साजिश को लेकर अभी जांच जारी है और एजेंसियां अन्य सहयोगियों की तलाश कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- देश की राजधानी नहीं बल्कि इस राज्य के शहर की हवा है सबसे ज्यादा जहरीली, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Crime news national news
Advertisment