China Virus Today News : कोरोना जैसा वायरस अब चीन से भारत पहुंच चुका है. अब तक इस वायरस के नौ केस सामने आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने वायरस को लेकर कहा है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. इस वायरस से लड़ने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है. हालांकि इस वायरस की वजह से बच्चों के माता-पिता टेंशन में जरूर है और हो भी क्यों ना क्योंकि ये मामले लगातार बच्चों में बढ़ते जा रहे हैं. उन्हें अपने बच्चों के लिए चिंता इसलिए भी सता रही है क्योंकि ना तो एचएमपीवी वायरस को लेकर कोई वैक्सीन है और ना ही कोई दवा. ऐसे में बचाव ही एक मात्र तरीका है, जिसे अपनाकर आप इस वायरस से अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि यह वायरस क्या है इसके लक्षण क्या हैं और आप कैसे इस वायरस से अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं.
HMPV Virus की पहचान पहली बार 2001 में हुई
चीन से भारत आए इस वायरस का नाम ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस यानी एचएमपी है, जो एक आरएनए वायरस है. वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है. इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित है. एचएम पीवी वायरस की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी. एक डच रिसर्चर ने सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के सैंपल में इस वायरस का पता लगाया था. हालांकि यह वायरस पिछले छह दशकों से मौजूद है. यह वायरस सभी तरह के मौसम में वातावरण में मौजूद होता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा फैलने का खतरा सर्दियों में होता है. एचएम पीवीवायरस के लक्षण की अगर बात करें तो इसका सबसे कॉमन लक्षण खांसी और बुखार हैं. शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य वायरल जैसे ही दिखते हैं, लेकिन वायरस का असर अगर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा भी हो सकता है. इसके अलावा नाक का बंद होना और गले में रखरा हट भी शामिल है.
यह खबर भी पढ़ें- बजट 2025 में होगा 8th Pay Commission का ऐलान? जानें वित्त मंत्रालय का जवाब
बच्चों को HMPV Virus से बचाने के लिए अपनाएं यह टिप्स
यह वायरस संक्रमित के संपर्क में आने से फैलता है. इसलिए इससे बचाव के लिए जरूरी है कि इसके लक्षण दिखने पर बच्चों को दूर रखें. हाथ को बार-बार अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर और साबुन से धुलवाएं. ऐसा कर आप वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोक सकते हैं. भीड़भाड़ वाले इलाकों में बच्चों को ले जाने से बचें. इसके अलावा उन्हें बाहर ले जाने पर मुंह में मास्क जरूर लगवाएं. मुंह को मास्क से ढकवाएं. बच्चों को वायरस से बचाए रखने के लिए उन्हें सिखाएं कि चेहरे आंख नाक और मुंह को ढक कर रखें और बार-बार मुंह नाक और चेहरे को ना छुएं. इन तरीकों से आप बच्चों को इस वायरस से सुरक्षित रख सकते हैं. एचएम पीवी वायरस कितना खतरनाक है यह जानना भी जरूरी है. एचएम पीवी का मेन सॉफ्ट टारगेट बच्चे और बुजुर्ग हैं. यह वही समूह है जो कोरोना महामारी के दौरान भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. एचएम पीवी के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. इसके लक्षण सामान्य सर्दी जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन इसके कारण गंभीर संक्रमण भी हो सकता है. 14 साल से कम उम्र के बच्चों में इसके मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिससे चीन के स्वास्थ्य अधिकारी चिंतित हैं.
यह खबर भी पढ़ें- EPF Account Merging Process: एक से ज्यादा हैं UAN तो इस तरह से करें मर्ज, नहीं तो उठाना होगा नुकसान!
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन
वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को मास्क पहनने भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने और बार-बार हाथों को सैनिटाइज करने की सलाह दी है. क्या एचएम पीवी वायरस कोरोना की तरह पूरी दुनिया में फैल सकता है यह एक सवाल है तो चलिए इस सवाल का भी जवाब जानते हैं. यह कोई नया वायरस नहीं है. पिछले साल भी चीन में इसके फैलने की खबर आई थी. साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी इस वायरस का पता चला था. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक सबसे पहले नीदरलैंड में साल 2001 में इसका पता लगाया गया था. हालांकि इसे कम से कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है. इस वायरस का अभी तक कोई ऐसा वेरिएंट देखने को नहीं मिला है जो कोरोना की तरह विस्फोटक अंदाज में फैलता हो. हालांकि यह वायरस अब भारत पहुंच चुका है जो खासकर बच्चों को अपना शिकार बना रहा है.