दूसरे चरण में त्रिपुरा में सबसे ज्यादा, उत्तर प्रदेश में सबसे कम मतदान
दूसरे चरण में त्रिपुरा में सबसे ज्यादा, उत्तर प्रदेश में सबसे कम मतदान
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप पर खबर लिखे जाने तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 79.66 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में सबसे कम 54.85 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।
मणिपुर में 78.78 प्रतिशत, असम में 77.35, छत्तीसगढ़ में 75.16, पश्चिम बंगाल में 73.78, जम्मू एवं कश्मीर में 72.32 और केरल में 70.21 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया है।
वहीं, कर्नाटक में 68.47 प्रतिशत, राजस्थान में 64.07, महाराष्ट्र में 59.63, मध्य प्रदेश में 58.26 और बिहार में 57.81 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। हालांकि, मतदान के अंतिम आंकड़े फॉर्म 17 ए की जांच के बाद ही जारी किए जाएंगे।
आयोग ने बताया कि दूसरे चरण के साथ ही 14 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों - अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, केरल, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तराखंड - में सभी सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गया है। दोनों चरण मिलाकर लोकसभा की 189 सीटों पर अब तक मतदान हो चुका है।
इसी के साथ वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत, राजीव चंद्रशेखर, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों शशि थरूर, महेश शर्मा, फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी, रामायण सीरियल में भगवान राम का रोल करने वाले अरुण गोविल, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के भाई डी.के. सुरेश, कर्नाटक के पूर्व सीएम एच.डी. कुमारस्वामी और राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव सहित 1,202 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे चरण के मतदान के संपन्न होने के बाद एक्स पर पोस्ट कर एनडीए गठबंधन को समर्थन मिलने का दावा करते हुए कहा, दूसरा चरण बहुत अच्छा रहा! भारत भर के लोगों का आभार जिन्होंने आज मतदान किया। एनडीए को मिल रहा अद्वितीय समर्थन विपक्ष को और भी निराश करने वाला है। मतदाता एनडीए का सुशासन चाहते हैं। युवा और महिला मतदाता एनडीए को मजबूत समर्थन दे रहे हैं।
केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों के साथ-साथ शुक्रवार को कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की आठ-आठ, मध्य प्रदेश की छह, असम और बिहार की पांच-पांच, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तीन-तीन और त्रिपुरा, मणिपुर एवं जम्मू कश्मीर की एक-एक सीट पर मतदान संपन्न हुआ।
भाजपा के लिए राजनीतिक लिहाज से शुक्रवार को जिन सीटों पर मतदान हुआ है, वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। लोकसभा की इन 88 सीटों में से सबसे ज्यादा 52 सीटें भाजपा के पास हैं। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का दामन थामने वाले दो निर्दलीय सांसदों को मिला लिया जाए तो यह आंकड़ा 54 पर पहुंच जाता है।
वहीं, एनडीए गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ रहे दलों की बात करें तो इनमें से चार सीटों पर जेडीयू, तीन पर शिवसेना (शिंदे गुट) और एक-एक सीट पर जेडीएस और एनपीएफ को पिछली बार जीत मिली थी। यानी 88 में से 63 सीटों पर एनडीए गठबंधन का कब्जा है और 400 पार का लक्ष्य हासिल करने के लिए एनडीए को अपनी सीटें बरकरार रखने के साथ-साथ विपक्षी दलों की सीटों पर भी जीत हासिल करनी होगी।
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