मद्रास हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए द्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह दूसरी बार है जब पूर्व मंत्री की याचिका खारिज हुई है।
द्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं।
सेंथिल की जमानत याचिका खारिज करते हुए मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने निचली अदालत को यह भी निर्देश दिया कि जहां तक संभव हो, दिन-प्रतिदिन के आधार पर कार्यवाही करके तीन महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए, क्योंकि याचिकाकर्ता 250 दिनों से अधिक समय से जेल में हैंं।
चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) पुलिस ने घोटाले की जांच के लिए कई एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने उन एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।
सेंथिल बालाजी बिजली और निषेध मंत्री के रूप में कार्यरत थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके आवास पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर कर लिया था।
गिरफ्तारी के दौरान सेंथिल बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच में पाया गया कि उनकी कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज है। इसके बाद उनकी पत्नी ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की और उन्हें एक निजी अस्पताल (कावेरी अस्पताल, चेन्नई) में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया।
हाल तक पुझल केंद्रीय जेल में कैद के दौरान सेंथिल अपने पद पर बने हुए थे। लेकिन दूसरी जमानत याचिका सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने कहा कि महीनों तक हिरासत में रहने के बाद भी वह मंत्री पद पर कैसे बने रह सकते हैं, जिसके तुरंत बाद उन्होंने मंत्री ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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Source : IANS