वरिष्ठ नेता और कांग्रेस एमएलसी बी.के. हरिप्रसाद ने कहा है कि कर्नाटक में गोधरा जैसी घटना दोहराए जाने की आशंका है। उन्होंने राज्य सरकार से आने वाले दिनों में अयोध्या की यात्रा करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए हरिप्रसाद ने बुधवार को कहा, विभिन्न राज्यों से उन्हें उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कर्नाटक में गोधरा जैसी घटना हो सकती है। यहां की सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अयोध्या जाने वालों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
कर्नाटक राज्य में कड़ी निगरानी होनी चाहिए। ऐसी ही परिस्थितियों में गुजरात में गोधरा कांड हुआ था। यहां भी वैसी ही घटना को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है। सुरक्षा कड़ी की जानी चाहिए। हम यहां गोधरा जैसा घटना देखना नहीं चाह सकते। यह मेरा निजी बयान है और इस संबंध में कांग्रेस पार्टी से कोई संबंध नहीं है।
हरिप्रसाद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेताओं ने उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। बेंगलुरु में कार सेवक की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि हरिप्रसाद के खिलाफ शिकायत दर्ज की जानी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं पुलिस आयुक्त से कार्रवाई शुरू करने का आग्रह करूंगा।
मैसूरु में विरोध प्रदर्शन के बीच भाजपा विधायक टी.एस. श्रीवत्स ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब किसी को भी हमें छूने दो। तब, केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। वर्तमान केंद्र सरकार ने धारा 370 हटा दी और कश्मीर में एक भी पत्थर नहीं फेंका गया। हरिप्रसाद मंत्री पद को देखते हुए बयान दे रहे हैं।
भाजपा विधायक ने आगे कहा कि उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हरिप्रसाद के नाम में राम है। हरि ही राम हैं। उन्हें समझदारी से बात करने दीजिए। मुसलमानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की घोषणा के लिए उनकी सरकार पर सवाल उठाने की क्षमता नहीं है।
पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा है कि राम भक्तों की रक्षा स्वयं भगवान राम करेंगे। अगर कोई हमें हमारे भगवान की पूजा करने से रोकता है तो हम उसे छोड़ देंगे। राम भक्त चुप नहीं बैठेंगे। अगर वे मैदान में आ गए तो कांग्रेस मुकाबला करने की स्थिति में नहीं रहेगी। अगर 22 जनवरी को कोई अप्रिय घटना होती है तो हरिप्रसाद सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
हरिप्रसाद ने आगे कहा है कि राम मंदिर उद्घाटन कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं है और यह एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है। अगर यह एक धार्मिक कार्यक्रम होता, तो हम सभी इसमें शामिल होते। उन्होंने परोक्ष रूप से पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि उद्घाटन किसी धार्मिक गुरु द्वारा नहीं बल्कि विश्व गुरु द्वारा किया गया है।
उन्होंने कहा, हम अभी तक विश्व गुरु और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के धर्म को नहीं जानते हैं।
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Source : IANS