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दिल्ली हाईकोर्ट ने राम मंदिर ट्रस्ट की टैक्स जानकारी मुहैया कराने के सीआईसी के निर्देश को पलटा

दिल्ली हाईकोर्ट ने राम मंदिर ट्रस्ट की टैक्स जानकारी मुहैया कराने के सीआईसी के निर्देश को पलटा

Updated on: 01 Mar 2024, 06:05 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की जानकारियों का खुलासा करने का आदेश दिया गया था।

हाईकोर्ट का फैसला सीबीडीटी की याचिका के पक्ष में आया है। दरअसल, सीबीडीटी ने इस आदेश के खिलाफ 30 नवंबर 2022 को याचिका दायर की थी।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि आरटीआई आवेदक कैलाश चंद्र मूंदड़ा के पास आरटीआई अधिनियम के बजाय आयकर अधिनियम के तहत जानकारी प्राप्त करने का विकल्प है।

मूंदड़ा ने एक आरटीआई आवेदन दायर किया था, जिसमें ट्रस्ट के कर छूट या उसके दान पर कटौती के लिए ट्रस्ट के आवेदन से संबंधित विस्तृत दस्तावेजों का अनुरोध किया गया था, जिसमें ट्रस्ट डीड की एक प्रति भी शामिल थी।

अनुरोध को शुरू में सीबीडीटी के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने अस्वीकार कर दिया था। सीबीडीटी के भीतर अपीलीय प्राधिकारी ने इस फैसले को बरकरार रखा, जिसके बाद मूंदड़ा को सीआईसी के पास दूसरी अपील दायर करनी पड़ी।

अपने बचाव में, सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम की धारा 138(1)(बी) का हवाला दिया, जो जानकारी की गोपनीयता की रक्षा करती है, यह तर्क देते हुए कि इस तरह के विवरण का खुलासा आरटीआई अधिनियम के तहत नहीं किया जा सकता।

बोर्ड के तर्क को आरटीआई अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड की कर छूट के बारे में जानकारी का खुलासा न करने के संबंध में हाल ही में उच्च न्यायालय के फैसले द्वारा समर्थित किया गया था, जो आयकर अधिनियम के विशिष्ट प्रावधानों द्वारा संरक्षित मामलों में सीआईसी के सीमित क्षेत्राधिकार को मजबूत करता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.