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कविता, संगीत, साहित्य और कला के संगम पवित्र अमृतसर महोत्सव का समापन

कविता, संगीत, साहित्य और कला के संगम पवित्र अमृतसर महोत्सव का समापन

Updated on: 26 Feb 2024, 01:05 AM

अमृतसर:

दो दिनी पवित्र अमृतसर महोत्सव 2024 का यहां रविवार को समापन हो गया। उत्‍सव के दौरान हुईं विभिन्‍न विधाओं की प्रस्‍तुतियों ने साबित किया कि यह आयोजन कविता, संगीत, साहित्य और कला का संगम था। आयोजन तीन मुख्य स्थानों पर हुआ : द अर्थ, अमृतसर, टाउन हॉल के विभाजन संग्रहालय और गोबिंदगढ़ किला।

महोत्सव के दूसरे संस्करण के दौरान मौजूद लोगों ने विविध प्रकार के अनुभव लिए, जिससे उन्हें शहर की मूर्त और अमूर्त विरासत व इसके शानदार इतिहास को समझने का अवसर मिला।

स्लीपवेल द्वारा प्रस्तुत और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा निर्मित महोत्सव की सुबह में जसलीन औलख, जगजीत सिंह जोहल और महाराज ट्रायो जैसे कलाकारों ने मनमोहक प्रस्‍तुतियां दीं।

सौम्या कुलश्रेष्ठ और हरीश बुधवानी ने अमृता और इमरोज की शाश्‍वत और मार्मिक प्रेम कहानी पर केंद्रित अपनी भावपूर्ण प्रस्‍तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभाजन संग्रहालय में दोपहर में रंगला पंजाब द्वारा प्रस्तुत साहित्‍यकार सुरजीत पातर की किश्‍वर देसाई के साथ बातचीत मुख्‍य आकर्षण रही।

चर्चा में नवदीप सूरी, सीमा कोहली, संजॉय के. रॉय, अरविंदर चमक, जसमीत कौर नैय्यर और सरबजोत सिंह बहल ने भी भाग लिया।

इन चर्चाओं ने उपस्थित लोगों को कविता, रोमांस, रंगमंच और कला के चश्मे से पंजाब के सार का बहुमुखी दृष्टिकोण पेश किया।

महोत्सव के एक हिस्‍से के रूप में 1947 के विभाजन पर आधारित मनीषा गेरा बसवानी की कला स्थापना, जिसका शीर्षक पोस्टकार्ड्स फ्रॉम होम था, को भी विभाजन संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया।

महोत्सव की समापन रात में बैंड फरीदकोट और द मुर्शिदाबादी प्रोजेक्ट ने प्रस्तुति दी।

सौम्या मुर्शिदाबादी ने कहा, मुर्शिदाबादी प्रोजेक्ट के साथ पंजाब में पहली बार प्रस्‍तुति देना एक असाधारण विशेष अवसर था। उर्दू लेखक और गायक पीयूष अश्म, सितारवादक स्वेतकेतु बनर्जी और तबला कलाकार चंदन मालेकर जैसे कलाकारों के साथ सहयोग करते हुए हमने प्राचीन रचनाओं पर रोशनी डाली। इनमें रहस्यवादी कविताएं, विशेषकर कबीर की कविताएं, जो हमारे लिए बहुत महत्व रखती हैं।

उन्‍होंने कहा, हमारी प्रस्‍तुतियों का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय ध्वनियों को एक उत्कृष्ट आध्यात्मिक अनुभव के साथ जोड़ना था।

ऐतिहासिक गोबिंदगढ़ किले में दर्शकों ने दो दिनों तक मनमोहक प्रस्तुतियों और चर्चाओं का आनेद लिया।

हिमांशु बाजपेयी और प्रज्ञा शर्मा की मनमोहक प्रस्तुति दास्तान-ए-साहिर से लेकर बीर सिंह की धुन और दास्तान लाइव द्वारा प्रस्‍तुत मनमोहक रॉक ओपेरा कबीरा खड़ा बाजार में को काफी सराहना मिली।

हिमांशु कहा : ऐतिहासिक शहर अमृतसर में पवित्र अमृतसर महोत्‍सव में प्रस्‍तुति देना एक उल्लेखनीय अनुभव था। साहिर लुधियानवी की कहानी लोगों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है और हमने उनके साहित्यिक योगदान को फिर से देखने और विरासत को समझने का लक्ष्य रखा है।”

प्रज्ञा शर्मा ने कहा : इस महोत्सव में प्रस्‍तुति देना वास्तव में ध्यान देने योग्य था। माहौल, स्थल और ग्रहणशील दर्शकों ने हमें एक अलग युग में पहुंचा दिया। हमारे प्रदर्शन के बाद स्टैंडिंग ओवेशन प्राप्त करना अविश्‍वासनीय रूप से संतुष्टिदायक था।

दास्तान लाइव के संस्थापक अनिर्बान घोष ने कहा, कबीर के दोहों को अमृतसर लाना एक बड़ा सौभाग्य था, खासकर आज की ध्रुवीकृत दुनिया में। हम महोत्‍सव में भाग लेने के अवसर के लिए आभारी हैं और उम्मीद करते हैं कि हम अपनी कला के जरिए सद्भाव, प्रेम और दयालुता फैलाते रहेंगे।

इस महोत्‍सव ने उपस्थित लोगों को हेरिटेज वॉक में भाग लेने और प्रतिष्ठित स्वर्ण मंदिर की यात्रा करने का मौका दिया, जिससे उन्हें अमृतसर की समृद्ध विरासत का गहरा अनुभव हुआ।

21 से 23 फरवरी 2025 तक चलने वाली, स्लीपवेल प्रेजेंट्स द सेक्रेड अमृतसर की तीसरी किस्त नवीन विषयों की ताज़ा श्रृंखला, संगीत, कविता और आकर्षक प्रवचन के मनोरम मिश्रण के साथ पवित्र शहर में वापस आएगी।

स्लीपवेल फाउंडेशन की प्रबंध ट्रस्टी, निदेशक नमिता गौतम ने कहा, हमें जो अविश्‍वसनीय प्रतिक्रिया मिली है, उसके लिए मैं कृतज्ञ हूं। उत्सव में कविता, संगीत और ज्ञानवर्धक चर्चाओं के जीवंत मिश्रण ने हम सभी पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।

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