logo-image

2016 सुरजागढ़ खदान आगजनी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने वकील गाडलिंग की जमानत याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से 7 दिन में जवाब मांगा

2016 सुरजागढ़ खदान आगजनी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने वकील गाडलिंग की जमानत याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से 7 दिन में जवाब मांगा

Updated on: 30 Nov 2023, 12:20 AM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के सुरजागढ़ लौह अयस्क खदान में आग लगने के मामले में बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को वकील सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ गाडलिंग द्वारा एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अधिनियम की धारा 21(4) के तहत जमानत की मांग को लेकर दायर उनकी अपील को खारिज करने के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने आदेश दिया, अनुमति दी गई। यदि प्रतिवादी हलफनामा दाखिल करना चाहता है, तो वह एक सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसा कर सकता है। दो सप्ताह के बाद नियमित सुनवाई के दिन सूचीबद्ध करें।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, मामले की आगे की सुनवाई तीन जनवरी को होने की संभावना है।

अक्टूबर में शीर्ष अदालत गाडलिंग की याचिका की जांच करने के लिए सहमत हुई थी और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा था।

आतंकवाद रोधी एजेंसी ने गाडलिंग पर महाराष्ट्र के सूरजगढ़ खदानों से लौह अयस्क ले जा रहे 76 ट्रकों को आग लगाने के लिए माओवादी विद्रोहियों के साथ कथित तौर पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया। उन पर भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद हिंसा में भी शामिल होने का आरोप है - जहां 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के बाद विभिन्न जाति समूहों के बीच झड़पें हुईं।

गाडलिंग ने दावा किया था कि वह एक आपराधिक कानून व्यवसायी हैं और उन्होंने 25 साल से अधिक की प्रैक्टिस की है और उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है, उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं है और अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड पर लाए गए सबूत न तो विश्‍वसनीय हैं और न ही स्वीकार्य हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.