Nepal Crisis: नेपाल में उथल-पुथल से गाजियाबाद में गहराया संकट, करोड़ों के कारोबार का हो रहा नुकसान

Nepal Crisis: नेपाल में हाल ही में हुए तख्तापलट और लगातार हो रही हिंसक घटनाओं ने गाजियाबाद के निर्यातकों को गहरी चिंता में डाल दिया है. गाजियाबाद से नेपाल को होने वाला लगभग 500 करोड़ रुपये का वार्षिक निर्यात अब असमंजस में है.

Nepal Crisis: नेपाल में हाल ही में हुए तख्तापलट और लगातार हो रही हिंसक घटनाओं ने गाजियाबाद के निर्यातकों को गहरी चिंता में डाल दिया है. गाजियाबाद से नेपाल को होने वाला लगभग 500 करोड़ रुपये का वार्षिक निर्यात अब असमंजस में है.

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Dheeraj Sharma
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Nepal Crisis: नेपाल में हाल ही में हुए तख्तापलट और लगातार हो रही हिंसक घटनाओं ने गाजियाबाद के निर्यातकों को गहरी चिंता में डाल दिया है. गाजियाबाद से नेपाल को होने वाला लगभग 500 करोड़ रुपये का वार्षिक निर्यात अब असमंजस में है. उद्योगपति और व्यापारी वर्ग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि नेपाल की कमान सेना के हाथ में जाने के बाद उनके व्यापार का क्या भविष्य होगा.

ऑर्डर की डिलीवरी और भुगतान पर सस्पेंस

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व्यापारियों का कहना है कि नेपाल में बढ़ते राजनीतिक तनाव का असर ऑर्डर की डिलीवरी और भुगतान पर पड़ सकता है. जिन ऑर्डरों की आपूर्ति पहले ही की जा चुकी है, उनके लिए भुगतान को लेकर संशय बना हुआ है. साथ ही, भविष्य के ऑर्डर भेजने को लेकर वहां के वेंडर अब 'इंतजार करने' की सलाह दे रहे हैं. गाजियाबाद के निर्यातक राकेश अनेजा ने बताया कि उन्होंने हाल ही में पैकेजिंग मेटेरियल नेपाल भेजा था, लेकिन अब वहां से अगला ऑर्डर रोकने की बात कही जा रही है.

बॉर्डर बंद होने की आशंका से व्यापार ठप

गाजियाबाद की करीब आठ हजार इकाइयां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नेपाल के साथ व्यापारिक संबंध रखती हैं. यदि नेपाल में जारी अस्थिरता के कारण सीमा पर आवाजाही रोकी जाती है, तो इससे आयात-निर्यात की प्रक्रिया ठप हो सकती है. इससे न केवल तैयार माल अटक जाएगा, बल्कि कच्चे माल की आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा, जिससे उद्योगों को भारी नुकसान हो सकता है.

मुख्य रूप से इंजीनियरिंग गुड्स और मशीनरी का होता है निर्यात

गाजियाबाद से नेपाल को सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग गुड्स, मशीनें, दवाइयां, केमिकल, लोहे व स्टील के उत्पाद, सनमाइका, टेलरिंग मेटेरियल और पैकेजिंग मटेरियल का निर्यात किया जाता है. इस व्यापार से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है.

पर्यटन पर भी असर, नेपाल जाने वाले यात्रियों की संख्या घटी

नेपाल की बिगड़ती स्थिति का असर यात्रा और पर्यटन पर भी साफ देखा जा रहा है. साहिबाबाद डिपो से रोजाना दो बसें नेपाल के लिए चलती हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है. बुधवार देर रात एक बस को यात्रियों के अभाव में रद्द करना पड़ा.

यदि नेपाल में जल्द राजनीतिक स्थिरता नहीं लौटती, तो गाजियाबाद के निर्यातकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. नेपाल का बाजार भारतीय उद्योगपतियों के लिए महत्वपूर्ण है और वहां के हालातों से पूरे व्यापार तंत्र में असंतुलन पैदा हो सकता है.

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