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पूर्व राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ Photograph: (sm)
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक बार फिर से पूर्व विधायक पेंशन का हक मिल गया है. राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर कार्रवाई करते हुए आदेश जारी कर दिए हैं. अब उन्हें हर महीने लगभग 42 हजार रुपये पेंशन और उससे जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी.
इसी तारीख से मिलेगी पेंशन
धनखड़ ने जुलाई 2024 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह में उन्होंने राजस्थान विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधायक पेंशन बहाल करने के लिए आवेदन किया था. सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अब पेंशन जारी करने का निर्णय लिया गया है. यह पेंशन उन्हें उसी तारीख से मिलेगी, जिस दिन उन्होंने उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था.
पहले भी मिल चुकी थी पेंशन
जानकारी के मुताबिक, जगदीप धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ से कांग्रेस विधायक रहे थे. विधायक कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें पूर्व विधायक पेंशन मिलती रही. यह सुविधा जुलाई 2019 तक जारी रही. लेकिन जब उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया, तब यह सुविधा रोक दी गई. इसके बाद उपराष्ट्रपति बनने पर भी उन्हें पेंशन नहीं मिलती थी. अब चूंकि वह इन संवैधानिक पदों से मुक्त हो गए हैं, इसलिए पेंशन फिर से बहाल कर दी गई है.
कैसा रहा राजनीतिक सफर
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर काफी लंबा और अहम रहा है. वे पेशे से वकील रहे और बाद में राजनीति में आए. कांग्रेस से विधायक बनने के बाद वे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहे. 2019 में केंद्र सरकार ने उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया. इसके बाद वे उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे. हालांकि स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ दिया.
अब हर महीने पेंशन
अधिकारियों के अनुसार, धनखड़ को अब लगभग 42 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन और अन्य संबंधित सुविधाएं दी जाएंगी. विधानसभा सचिवालय का कहना है कि पूर्व उपराष्ट्रपतियों और राज्यपालों के लिए पेंशन अलग से नहीं होती, लेकिन अगर वे पूर्व विधायक रहे हैं, तो उन्हें यह सुविधा मिलती है.
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